P3Y का वर्णन FAQ’s के रूप में

P3Y क्या है?

अपनी इच्छा पूरी करने के लिए, रोग निवारण, संकट निवारण और जो इच्छाए सालों से मानता करने के बाद भी पूर्ण नहीं हुई है उसे पूरा करने के लिए और समस्या के उपाय के लिए परमजी की शक्ति प्राप्त करने की टेक्निक मतलब P3Y

P3Y का अर्थ है = परमजी – पप्र – परमयोग.

मतलब P1 + P2 + P3 + Y = P1 (परमजी) + P2(पप्र) + P3(परम) + Y(योग) = P3Y

परम पूज्य परमजी कौन है?

P3Y की पूरी प्रणाली के मालिक हे परमजी। परमजी का पूरा नाम परमहंस अद्वैत आनंद है। इंग्लिश में परमजी को Paramji, alias his holiness (PAHH) कहां जाता है।

परमजी की फोटो में परमजी के साथ उनके पावन चरण भी है उसका क्या महत्व है?

परमजी की फोटो में परमजी के साथ उनके पावन चरण भी है क्योंकि परमजी के दाएं पैर के अंगूठे में मां लक्ष्मी जी का वास है। परमजी के पावन चरण में प्रार्थना करने से व्यापार नौकरी खेती इत्यादि में आय की बढ़ोतरी होती है। P3Y करने वाले व्यक्ति के पास लक्ष्मी जी हमेशा बने रहते हैं।

परमजी की फोटो देखकर कई लोग यह पूछते है, परमजी जैन है? दिगंबर साधु है?

नहीं, परमजी जैन नहीं है ना कोई साधु है। परमजी किसी धर्म का पालन नहीं करते थे लेकिन सनातन हिंदू धर्म के प्रखर हिमायती थे। परमजी को सभी धर्म का बहुत उच्च ज्ञान था। परमजी के फोटो में आप ध्यान लगाकर देखोगे तो आप जान जाओगे की परमजी ने वस्त्र धारण किए हुए हैं और परमजी जैन धर्म के दिगंबर साधु नहीं है।

क्या परमजी गुरु, संत - महात्मा, सिद्ध पुरुष या भगवान थे?

परमजी गुरु, संत – महात्मा, सिद्ध पुरुष, भगवान नहीं थे. परमजी कहते थे मेरी तुलना किसी इष्ट देवी – देवता, साधु – संत या किसी सिद्ध पुरुष से ना करें। परमजी को सिर्फ परमजी कहे, परमजी सभी इष्ट देवी – देवता, साधु संत सभी से परे है, मतलब अलग है। इसीलिए परमजी की तुलना करना छोड़िए और ऐसे सवालों में ना पड़े और अपना समय व्यर्थ ना करें। इससे अच्छा P3Y से अधिकतम लाभ ले अपना जीवन सुखी बनाए।

क्या परमजी का सूरत के अलावा किसी और जगह पर स्थानक है?

परमजी का किसी एक जगह पर परमानेंट स्थानक नहीं था। परमजी का लक्ष्य P3Y को विश्वव्यापी बनाने का है, इसी लक्ष्य को पूरा करने के लिए परमजी पूरे विश्व भर में – देश-विदेश घूमते रहते थे। परम जी जब सूरत में आते थे तब अंबा नगर एसएमसी फ्लैट, सूरत या फिर 124 पूनम नगर, भटार रोड, सूरत मे काम के लिए रुकते थे। P3Y के पप्रक पूरे विश्वभर में फैले है। इसीलिए परमजी आप और मेरे जैसे पप्रक के आग्रह पर उनके घर रुकते थे।

क्या परमजी अब भी हयात है?

नहीं, परमजी हयात नहीं है। परमजी ने अपना देह त्याग 02 जुन 2009 के दिन सेवंथ डे अस्पताल, सूरत, गुजरात (भारत) में किया था।

परमजी अभी हयात नहीं है क्या फिर भी मेरी इच्छा पूरी होगी? P3Y से मुझे लाभ मिलेगा?

02 जुन 2009, परमजी के देह  विलय के बाद भारत में और विदेश में लाखों लोगों की पप्र करने से इच्छाएं पूरी हो रही है और भविष्य में भी होती रहेगी। क्योंकि पप्र से परमजी की अदृश्य अलौकिक पराशक्ति हमारी इच्छाएं पूर्ण करती है।

भविष्य में मेरे द्वारा मांगी गई इच्छाए P3Y से कब तक पूरी होती रहेगी?

आपकी सभी इच्छाएं परमजी की अदृश्य और अलौकिक शक्ति द्वारा पूर्ण होती है। परमजी की वाणी के अनुसार P3Y की शक्ति आने वाले 10 लाख साल तक काम करेगी।

परमजी के देह विलय के बाद अंतिम दर्शन कब और कहां पर किए गए थे?

4 जून 2009 के दीन परमजी के अंतिम दर्शन 124, पूनम नगर सोसाइटी भटार रोड, सूरत, गुजरात (भारत) मे कराए गए थे। जिसमें देश-विदेश से आए गए लाखों P3Y प्रचारको, P3Y कर्ताओने सुबह 3:30 am से 10:10 am तक परमजी के दर्शन किए।

परमजी के देह विलय के बाद उनके अग्नि संस्कार कौन से दिन, कौन सी जगह पर और किस तरह किए थे?

परमजी के अग्नि संस्कार 4 जून 2009 के दिन 11:17 am को, अश्वनी कुमार स्मशान गृह , अश्वनी कुमार रोड, सूरत, गुजरात (भारत) मैं किए गए थे। परमजी के दिए हुए आदेश अनुसार हिंदू शास्त्र की विधि अनुसार, चंदन की लकड़ी से अग्नि संस्कार हुआ था।

परमजी के अग्नि संस्कार होने के बाद अस्थि विसर्जन कब, कौन सी जगह, किस तरीके से और किस की हाजिरी में हुआ?

परमजी का अस्थि विसर्जन 2 सप्टेंबर 2009 के दिन गंगा नदी के किनारे हरखीपेड़ी, हरिद्वार मैं किया गया था। अस्थि विसर्जन हिंदू शास्त्र विधि और परमजी के आदेश अनुसार मुख्य P3Y प्रचारकों और पप्रको के सामने हुआ था।

पप्र (परम प्रयोग) मतलब क्या?

परमजी की अदृश्य अलौकिक पराशक्ति से खुद की इच्छाए, संकट, समस्या, रोग दूर करने के लिए और जीवन में नसीब से ऊपर का सुख समृद्धि पाने के लिए परमजी द्वारा रचित दिव्या 11 वाक्य को परम प्रयोग या फिर पप्र कहते हैं। पप्र परमजी द्वारा सिखाई गई टेक्निक है, जिसके द्वारा आप अपने अधूरी इच्छा है पूर्ण कर सकते हैं, रोग – दर्द – दुख से मुक्ति पा सकते हैं।

पप्रवा मतलब क्या?

पप्रवा मतलब परम प्रयोग करने वाले वाक्य, जिसका पप्र में समावेश हुआ है। पप्रवा मे 1 से 11 वाक्य का समावेश हुआ है। जिसको पप्रवा कहते हैं।

परमवाणी मतलब क्या?

परम प्रयोग करने के लिए पप्रवा 1 से पप्रवा 5 तक के वाक्य, ऐसे कुल 5 वाक्य को परमवाणी कहते हैं।

पप्रवा 9 को ईच्छा वाक्य क्यों कहा जाता है?

पप्रवा 1 से 8 जब आप बोलते हैं तब तुरंत ही परमजी की अदृश्य आलौकिक पराशक्ति आपके सामने अदृश्य स्वरूप में हाजिर हो जाती है। यह शक्ति आपकी इच्छा पूरी करने के लिए काम करती है। इसीलिए आपको अपनी इच्छा पराशक्ति को मनो मन या जोर से बोल कर बतानी होती है। पप्रवा 9 मे अपनी इच्छा बोलते है इसीलिए पप्रवा 9 को इच्छा वाक्य कहते हैं। पप्रवा 9 मे इच्छा हमेशा बदलती रहती है।

कितनी इच्छाएं P3Y द्वारा पूर्ण हो सकती है?

आपकी अनगिनत इच्छाएं P3Y द्वारा पूर्ण होगी लेकिन शर्त यह है की आपने परमजी के साथ बेईमानी ना की हो।

क्या मैं एक पप्र में एक से ज्यादा इच्छाएं बोल सकता हूं?

नहीं, आपको अपनी हर एक इच्छा के लिए अलग पप्र करना होगा। एक पप्र के अंदर एक से ज्यादा इच्छा आप नहीं बोल सकते।

P3Y कौन-कौन से क्षेत्र में मददगार है?

P3Y सभी क्षेत्रों में मदद करता है। व्यवसाय, रोजगारी, राजकारण, असाध्य/ साध्य रोग, धर्म, मान्यताएं, अंधश्रद्धा, विज्ञान, टेक्नोलॉजी, मेडिसिन, साइकोलॉजि इत्यादि।

कौन-कौन सी परिस्थिति में P3Y कर सकते हैं?

P3Y का उपयोग आप सभी परिस्थिति में कर सकते हैं यहां पर आपको लगता है की

  • आपका बुद्धि बल, मनोबल, बाहुबल, जनबल, भक्ति बल, पहचान, भाग्य, प्रारब्ध, नसीब, कर्म इत्यादि काम नहीं आते है।
  • जब मंदिर – मस्जिद, पीर – पैगंबर, धागा, मन्नत – मान्यताएं, ग्रह – नक्षत्र की अंगूठियां, किए हुए उपवास काम नहीं लगते।
  • जब आपको लगता है सब कुछ कर लेने के बाद भी आप अपने आप को असुरक्षित, असहाय, अनिश्चित, भयभीत समझ रहे हो।
  • जब मेडिकल साइंस कोई मरीज को ठीक करने से अपने हाथ खड़े कर दे, इलाज के लिए मना कर दे तब।

मतलब P3Y हम किसी भी समय, किसी भी परिस्थिति में कहीं पर भी कर सकते हैं

P3Y करने के लिए अपनी वर्तमान मान्यताओं को बदलना या छोड़ना चाहिए?

किसी भी धर्म, पंठ औंर धारणा वाले व्यक्ति P3Y से लाभ ले सकते हैं। आपको अपने धर्म, पंठ, धारणा को छोड़ने की जरूरत नहीं है।

कौन-कौनसी इच्छा है P3Y से पूर्ण होती है?

आनंददायक इच्छाएं, दुनिया की हर एक भौतिक इच्छाएं, हर एक प्रकार के दुख दर्द दूर हो जाए ऐसी इच्छाएं, आध्यात्मिक इच्छाएं,. पारिवारिक और सामाजिक इच्छाएं और सुखद लाभदायक हर एक इच्छाएं P3Y से पूर्ण होती है।

कौन-कौन से इच्छाए P3Y से पूर्ण नहीं होती?

P3Y के द्वारा नीचे दी गई इच्छाए नहीं पूरी होती।

  • परमजी को, P3Y को या फिर P3Y की प्रणाली को नुकसान करती इच्छाए पूरी नहीं होती।
  • वर्तमान में और भविष्य मे खुद को या दूसरों को नुकसान होने वाला हो ऐसी इच्छाए P3Y से पूर्ण नहीं होती।
  • ऐसी इच्छाए जो पूरी होने के बाद वर्तमान या भविष्य में आपको नुकसान होने वाला हो, परमजी ये इच्छाए पहले से ही पूरी नहीं करते।
  • अतिशयोक्ति से भरी इच्छाए, जैसे कि बिना पंख के आकाश में उड़ने की इच्छा, बिना खाए पेट भरने की इच्छा, बिना पढ़ाई की है परीक्षा में पहला नंबर आने की इच्छा। ऐसी इच्छाएं P3Y से नहीं पूरी होती।
  • चोरी, जुगाड़, लॉटरी, सट्टेबाजी जैसी इच्छाएं P3Y से पूरी नहीं होती।

P3Y से इच्छा पूर्ण होने में कितना समय लगता है?

P3Y से इच्छा पूर्ण होने में 3 सेकंड से 90 दिन का समय लगता है जो आपकी इच्छा के ऊपर आधारित है।

क्या P3Y से इच्छा मांगने में सावधानी रखने की जरूरत है?

हां, इच्छा बोलने में सावधानी रखनी जरूरी है। पप्रवा 9 मे आपकी इच्छा समझ सके ऐसी और जिसका सिर्फ एक अर्थ निकले उस तरह से होनी चाहिए। 1) इच्छा हमेशा विनंती के स्वरूप में ही बोलना है, क्योंकि परमजी लेने वाले हैं और देने वालों का हाथ हमेशा ऊपर रहता है। 2) इच्छा मांगते समय उसमें कोई शर्त रखी गई हो, जो ऐसा होगा तभी मैं वैसा करूंगा, वैसे जो और तों के वाक्य को कभी ना बोले। 3) इच्छापूर्ति वाक्य नंबर 9 में समय मर्यादा कभी ना बोले, जैसे कि एक सेकंड एक मिनट एक दिन इत्यादि।

अगर इच्छा बोलने में इंद्रासन की जगह निद्रासन निकल गया तो परमजी निद्रासन देंगे। इसीलिए इच्छा बोलने में सावधानी रखें।

P3Y में इच्छा मांगने के लिए श्रद्धा और विश्वास की जरूरत है?

P3Y एक शक्ति है, जिस तरह से फैन ऑन करने के लिए स्विच चालू करनी पड़ती है उस समय श्रद्धा और विश्वास की जरूरत नहीं होती है, अगर इलेक्ट्रिक सिटी अवेलेबल है तो फैन चलेगा ही। ठीक उसी तरह पप्र वाक्य 9 में बोली गई की इच्छा जरूर पूरी होती है। P3Y में  इच्छा बोलते समय श्रद्धा और विश्वास की जरूरत नहीं होती है।

किसको P3Y करने की कोशिश करनी चाहिए?

इच्छा रखने वाला कोई भी व्यक्ति, किसी भी जाति, धर्म, राष्ट्रीयता का व्यक्ति, अपने दुखों से मुक्ति पाने के लिए, खुद के भाग्य में जो है उससे ज्यादा पाने के लिए, आध्यात्मिक उन्नति की इच्छा रखने वाले और अपने जीवन की आनंददायक इच्छाएं पूरी करने की चाहत रखते हैं इन सब को P3Y करने की कोशिश करनी चाहिए।

P3Y के लिए योग्य व्यक्ति कौन है?

P3Y की जानकारी पहली बार मिलते ही, P3Y क्लास का निमंत्रण मिलते ही या फिर P3Y का साहित्य पढ़ते ही जिस व्यक्ति को अंदर से एहसास होता है की P3Y से मेरा काम बन ही जाएगा, जिसको p3y के बारे में और जानने की जिज्ञासा होती है, P3Y क्लास मे आने के बाद अपार शांति का अनुभव होता है।

दूसरी बार भी P3Y क्लास में जाने की इच्छा होती है, जिस व्यक्ति को P3Y क्लास में सिखाए गए सारे नियम अनुकूल लगते हैं और लाभ होने के बाद ही पकर का पैसा देना है यह नियम योग्य और न्यायी लगता है, जो व्यक्ति P3Y को इच्छा पूर्ति के लिए विज्ञान के रूप में देखता है,P3Y को अच्छी तरह समझ कर फालतू के तर्क किए बिना, शंका – कुशंका किए बिना जीवन की लेबोरेटरी में P3Y की शक्ति का प्रयोग करता है और खुद के अनुभव को प्रमाण बनाकर उसे पॉजिटिव निष्कर्ष निकालता है।

योग्य व्यक्ति को P3Y प्रचार में समय देकर, दूसरों को P3Y से लाभ दिलवाकर, लोगों के दुख दूर करके मानवता का कार्य, जिसे अनुकूल आता है, ऐसे व्यक्ति p3y के लिए योग्य है। ऐसे व्यक्तियों को P3Y से बहुत जल्दी लाभ होता है और P3Y का उपयोग करके वे जीवन में बहुत आगे निकल जाते हैं।

किसी भी व्यक्ति को जीवन जो मिला है उसे ज्यादा पाने के लिए और जहां पर है वहां से आगे बढ़ने के लिए P3Y में क्या करना चाहिए?

P3Y से जीवन ज्यादा पाने के लिए/ आगे बढ़ने के लिए नियमित रूप से परम निवेदन, पप्र, परमयोग करें। हरेक मंगलवार, रविवार, गुरुवार एवं P3Y महा उत्सव के दिन P3Y क्लास अटेंड करें। और जब भी समय मिले तब P3Y क्लास अटेंड करें। परमजी मुखी बने और परमजी के आदेशों का पालन करें, आप वर्तमान से ज्यादा सुखी – समृद्धि – शांत – स्वस्थ – निरोगी – आनंदमई और शक्तिशाली बनेंगे। परमजी के प्रति हमेशा कृतज्ञ रहे, परमधाम में गुरु मां प्रतिमाजी कहे उसी प्रकार कार्य करें – सेवा करें।

P3Y के लिए अयोग्य व्यक्ति कौन है?

P3Y क्लास का निमंत्रण मिलते ही जिस व्यक्ति के मन में शंका और विरोध भाव उत्पन्न होता है, P3Y के नियम उस व्यक्ति को प्रतिकूल लगते हैं, P3Y से लाभ होने के बाद पकर के रुपए /डॉलर /पाउंड और P3Y प्रचार की बातें उसके गले में नहीं उतर रही। पप्रवा 10 में रुपया /डॉलर /पाउंड नहीं देना चाहते हैं तो 1 लीटर पानी और 1 फूल चढ़ाने से भी P3Y से इच्छा पूर्ण होती है, इस हकीकत पर ध्यान नहीं देता है।

व्यक्ति पूर्वाग्रह से भरा और सिर्फ दलीलें करने वाला हो, खुद को P3Y के प्रयोग करने में रुचि नहीं है और दूसरों को सिखाने में भी रुचि नहीं है। जो व्यक्ति को अन्य को हुए P3Y के अनुभव पर विश्वास नहीं है, जो व्यक्ति P3Y प्रचारक /टीचर की बात नहीं मानता है मनमुखी रहता है, परमजी के आदेशों का पालन नहीं करता है, जो व्यक्ति P3Y की, P3Y कर्ता की, P3Y क्लास की निंदा सुनता है वैसे व्यक्ति P3Y के लिए अयोग्य है।

जिन व्यक्तियों को आज P3Y प्रणाली योग्य नहीं लग रही है उनको भविष्य में P3Y से लाभ लेने के लिए क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए?

ऐसा व्यक्ति जिसे p3y में रुचि नहीं है वह P3Y प्रणाली से दूर रहे। जिस तरह किसी व्यक्ति को अन्य व्यक्ति द्वारा खुद का किया गया अपमान पसंद नहीं आता, उसी प्रकार परमजी और P3Y प्रणाली का अपमान एवं हंसी – मजाक नहीं करनी चाहिए।

अगर आप के संपर्क में कोई इस प्रकार का व्यक्ति हो जिसको शुरू शुरू में p3y में रुचि ना हो, परंतु संजोग अनुसार वह कोई बड़ी मुसीबत में फंस जाए, सभी प्रकार की मेहनत करने के बाद भी वह मुसीबत से बाहर ना आ पाए – वैसे समय पर बिना श्रद्धा विश्वास रखें सिर्फ P3Y करना चाहिए और P3Y प्रचारक /P3Y टीचर के मार्गदर्शन अनुसार आगे बढ़ना चाहिए और अंत में आप निष्कर्ष पर पहुंच जाएंगे कि P3Y से काम बना कि नहीं।

मेरी P3Y से इच्छा पूर्ण होने के बाद क्या करना चाहिए?

अगर आपकी एक भी इच्छा P3Y प्रणाली से पूर्ण होती है तो सबसे पहले परमजी का आभार मानीए। आपको परम जी के प्रति वफादार और प्रामाणिक बनकर आप आप खुद परमजी के पप्रवा -10 बोले गए पकर का रुपया परमजी के तरीके से परमजी तक पहुंचा दीजिए। और पप्रवा -11 मैं बोला गया P3Y प्रचार पूरा कर दीजिए।अगर यहां पर दी गई जानकारी में कुछ भी समझ ना आए तो परमधाम की मुलाकात लीजिए या फिर P3Y प्रचारक प्रतिमाजी का संपर्क कीजिए।

क्या मुझे हर एक मांगी गई इच्छा की यादी बनाने जरूरी है?

हां, जरूर। आपकी इच्छा और परिणाम की यादी बनानी जरूरी है। यह यादी आपकी कितनी इच्छा पूर्ण हुई है और परमजी के प्रति आपके क्या फर्ज है उस बात का मार्गदर्शन करती है। यह यादी आपके पप्र/ परमयोग द्वारा मिले अनुभव और आपके मानसिक शांति /तंदुरुस्ती का व्यक्तिगत मार्गदर्शन है। यादी बनाने से आपकी परमजी के प्रति कट्टरता और निष्ठा बढ़ेगी। P3Y में आपका अनुभव ही आपका मार्गदर्शन है। उसके लिए आप अपनी उन्नति /प्रगति की यादी बनाईए।

मुझे परमजी के साथ प्रमाणिक रहना है, मेरी इच्छा पूर्ण होने के बाद परमजी को किए गए वचन निभाना है, लेकिन मुझे यह सब याद नहीं रहता मुझे क्या करना चाहिए?

आप की प्रामाणिकता के लिए आपको वंदन। एक ही दिन में अनेक इच्छाएं पूर्ण करने के हेतु अनेक बार पप्र करने की जरूरत पड़ सकती है। अनेक बार पप्रवा 10 और पप्रवा 11 और भेंट देने का वचन बोलना पड़ता है, इसी कारण अनेक इच्छाए और व्यवहार याद नहीं रहेंगे। यहां कारणवश आपको किसी ना किसी जगह लिखना पड़ेगा तभी वह याद रहेगा। खुशी की बात यह है की इच्छाएं लिखने के लिए पप्र हिसाब फॉर्म परमधाम से ले सकते हैं या फिर खुद भी बना सकते हैं।

पकर मतलब क्या? पकर देना क्यों जरूरी है?

पकर में प का मतलब परमजी और कर मतलब टैक्स या भुगतान। आप आपके नसीब से जल्दी और भाग्य में लिखा है उससे अधिक पाने के लिए, जो दुख – दर्द भाग्य के अनुसार लिखा हुआ है उसे कम/ दूर करने के लिए, रोग संकट निवारण कम समय में कम खर्च में हो जाए और आपकी मांगी हुई इच्छाए पूर्ण करने के लिए परमजी की शक्ति का उपयोग किया है, जिसके लिए आप अपनी आर्थिक परिस्थिति अनुसार बोले हुए मूल्य को पकर कहते हैं। There is no scope of any arguments in this regards.

पकर का रुपया कब चुकाना चाहिए?

P3Y प्रणाली द्वारा पप्र से आपकी मांगी गई इच्छा पूर्ण होते ही तुरंत पकर का रुपया चुकाना चाहिए। यह वचन आपने पहले से ही परमजी को पप्र करते समय दिया था। जो बोला गया है उसका पालन कीजिए प्रामाणिक बने।

अगर मैं पकर का रुपया ना चुकाऊ तो क्या हो सकता है?

आप इस सत्य को याद रखें की परमजी की आज्ञा और इच्छा के मुताबिक पराशक्ति आपकी इच्छा पूरी करने के लिए काम करती है। डगेबाजी और चीटिंग करने वाले लोगों के लिए p3y नहीं है। अगर आप परमजी के साथ चीटिंग करते हो तो भविष्य में p3y से आपकी दूसरी इच्छाएं नहीं पूरी होगी। इस संदर्भ में आपका व्यक्तिगत अनुभव ही आपके लिए प्रमाण है। यह बात सामान्य है कि आप पहले से ही पप्र से इच्छा पूरी होने के बाद परमजी के साथ चीटिंग करने का मन में सोच कर रखा हो वैसे संजोग में आपकी इच्छा पूरी नहीं होगी, क्योंकि परमजी और परमजी की शक्ति आपके मन की बात को समझते हैं।

क्या पकर का रुपया किश्तों में दे सकते हैं?

हां, लेकिन पप्र करते समय पप्रवा 10 में परमजी को यह वचन दो कि मैं पकर का रुपया किश्तों में दुंगा आर जितनी किश्तों में आप देना चाहते हो वह पहले से ही बोल दीजिए और निभाए।

पकर का रुपया कौन सी करेंसी में देना पड़ता है।

परमजी के आदेश अनुसार आप जिस देश में रहते हो और जिस करेंसी मैं आपकी कमाई हो रही है, वही करेंसी मैं आपको पकर बोलना है और चुकाना है। पकर का रुपया आप अपनी खुद की करेंसी में या फिर करंसी वैल्यू को रुपए में कन्वर्ट करके भी दे सकते हो। ज्यादा जानकारी के लिए P3Y प्रचारक प्रतिमाजी का संपर्क करें।

इच्छा पूरी करने के लिए इतना पकर बोलना चाहिए?

छोटी-छोटी इच्छा पूरी करने के लिए कम रूपिया बोलो और बड़ी इच्छा के लिए आपकी आर्थिक परिस्थिति अनुसार पकर का रुपया बोले। जिस तरह हवा खाने के लिए हम पंखा और एयर कंडीशनर चलाते हैं, तो जिस प्रकार हम पंखा और ऐसी चलाएंगे उस प्रकार से इलेक्ट्रिक बिल आएगा। अगर हम ज्यादा पंखा और ऐसी चलाएंगे तो बिल भी ज्यादा आएगा। मतलब जितनी ज्यादा जरूरत ना ज्यादा पैसा।

उदाहरण के तौर पर सिर दर्द की बीमारी दूर करने के लिए कम रुपए बोल सकते हैं, क्योंकि सिर दर्द एक छोटी सी बीमारी है जबकि कैंसर जैसी बड़ी बीमारी दूर करने के लिए उस प्रकार से फिर पकर का रुपया बोलीए। पराशक्ति आपकी आर्थिक परिस्थिति से वाकिफ है। अगर आप आपकी आर्थिक परिस्थिति से ज्यादा पकर में रुपया बोलेंगे तो हो सकता है आपका काम नहीं बने, क्योंकि इच्छा पूर्ण होने के बाद पकर का रुपया देने की आपकी परिस्थिति नहीं होगी।

अगर मैं इच्छा पूरी करने के लिए पकर में रुपया कम से कम बोलु और प्रचार ज्यादा से ज्यादा बोलो तो मेरी इच्छा पूरी होगी?

हां, आपकी इच्छा पूरी होगी। परमजी को पकर में रुपये से ज्यादा पकर प्रचार अधिक प्रिय है, क्योंकि प्रचार के उत्तम कार्य के द्वारा आप P3Y की जानकारी अनेक नए लोगों तक पहुंचाते हैं, जो लोग जीवन में सब कुछ करने के लिए तैयार है लेकिन उनका भाग्य साथ नहीं दे रहा और पराशक्ति जैसी शक्ति की उनको जानकारी नहीं है।

उदाहरण के तौर पर एक समान इच्छा के लिए

  1. पप्रवा – 10 मे 11₹ बोलिए और पप्रवा – 11 मे 1 व्यक्ति को P3Y सिखाना बोलिए।
  2. अब पप्रवा – 10 मे 1₹ बोलिए और पप्रवा – 11 मे 10 व्यक्ति को P3Y सिखाना बोलिए।

आप समझ जाएंगे कि जिस में प्रचार ज्यादा बोला है वह इच्छा जल्दी पूरी होगी।

अगर मैं मेरी इच्छा पूरी करने के लिए पकर न बोलु, मतलब परमजी को पकर देने के वचन में जीरो रुपया बोलु तो चलेगा?

P3Y प्रणाली के अनुसार पप्रवा – 10 में तीन वचन है (1) रुपया देकर (2) पानी चढ़ाकर (3) फूल चढ़ाकर। इन तीनों में से कोई भी एक वचन या फिर तीनों वचन आप बोल सकते हो। इसलिए पकर के वचन में रुपया ना बोलो लेकिन पानी चढ़ाना और फूल चढ़ाने का वचन देकर भी इच्छा पूरी हो सकती है।

परमजी कहते हैं “बनावती गरीब ना बने” – शेष आपकी इच्छा।

धंधा खेती नौकरी या फिर अन्य कोई तरीके से आय बढ़ाने के लिए पप्रवा - 10 मैं जीरो रुपया बोलु और पानी और फूल चढ़ाने का वचन बोलु तो मेरी आय बढ़ेगी?

परमजी के पावन चरण के दाहिने चराण के अंगूठे में लक्ष्मीजी का वास है। परमजी लक्ष्मी दाता है। इसलिए बुद्धि का प्रयोग ऐसा कहता है जब परमजी आपकी आय बढ़ाते हैं तो आपके नसीब के ऊपर कि आय है,,आपको जो नसीब के ऊपर की आय मिली है उसी में से परमजी को कुछ रुपए देने का वचन करना है। इस प्रकार बोलने से आपकी नसीब की जो आय है उसमें तीन से पांच गुना आय धीमे-धीमे बढ़ेगी। प्रामाणिक बनना पड़ेगा और बोले हुए वचन को निभाना पड़ेगा। इस तरह अगर आप ₹0 बोलोगे तो आपकी आय की वृद्धि में ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा। आप खुद ही अनुभव करके प्रमाण दे सकते हो।

पप्रवा - 10 मे फूल और पानी चढ़ाने का विकल्प परमजी ने दिया था?

सन् 2007 में स्वयं परमजी ने प्रतिमाजी और अक्षयजी के समक्ष पप्रवा -10 मे 1 लीटर पानी या फिर 1 फूल चढ़ाने से भी व्यक्ति की इच्छा पूरी होगी ऐसा वाक्य डाला था। और यह विकल्प इसलिए रखा गया ताकि गरीब से गरीब व्यक्ति भी P3Y से लाभ ले सके।

परमजी को पानी कैसे और कब चढ़ा सकते हैं?

इच्छा पूरी होने के बाद परमजी को दिए गए वचन अनुसार दिन के 24 घंटे में से कभी भी परमजी को पानी चढ़ा सकते हैं। पानी चढ़ाने के दो तरीके हैं (1) शरीर के अंदर की तकलीफ दूर करने के लिए और (2) शरीर के बाहर की तकलीफ दूर करने के लिए।

पकर संग्रह बैग क्या होता है?

व्यक्ति की इच्छा पूरी होने के बाद पप्रवा – 10 में बोले हुए पकर का रुपया या फिर भेट परमजी को देने की प्रतिज्ञा पूर्ण करने के लिए परमधाम, सूरत और उमरगाम मे P3Y महोत्सव और P3Y उत्सव होते हैं, इसी दौरान P3Y टीचर या फिर अन्य पप्रक बैग लेकर जो व्यक्ति को पकर देना होता है उस के पास जाते हैं। उस बैग में व्यक्ति पकर या भेट रख देता है, इस बैग को पकरबैग कहते हैं। सामान्य तौर पर यह बैग कपड़े का बना होता है।

पकर का रुपया कहां जाता है?

क्या आप अपने बीमारी का इलाज खर्च, ऑपरेशन या फिर दवाई का खर्च का बिल हॉस्पिटल में डॉक्टर को देते हो। यह चुकाए गए बिल का आप हॉस्पिटल मे हिसाब पूछने जाते हो, कि हमारे दिए गए पैसे से क्या किया और क्यों किया। मंदिर में इष्ट देव देवी के दर्शन, मन्नत रखने के बाद अगर आप रुपया चढ़ाते हो, क्या तब आप पुजारी से पूछने जाते हो कि मेरे चढ़ाए गए रुपए से क्या किया?, कहां खर्च किया? क्यों खर्च किया? इत्यादि। अगर इस सवालो का जवाब ना है तो P3Y में पप्रवा – 10 में बोला गया व्यवहार पहले से ही दिए गए वचन अनुसार ही देते हो। अच्छी बात यह है कि P3Y में व्यवहार आपका काम बनने के बाद, आपके समय अनुसार आपकी अनुकूलता से आप करते हो। तो ऊपर दिए गए उदाहरण के हिसाब से पकर के रुपए का हिसाब मांगने का अधिकार योग्य है? परमजी कहते हैं कि जो पकर के रुपए का हिसाब मांगने आए उसे कहना कि मैं ठंडी दूर भगाने के लिए इस रुपए को जलाता हूं। आपको क्या लेना देना अगर आपको लेना देना है तो आप P3Y प्रणाली से दूर रहे।

पकर के रुपये से क्या होता है?

P3Y मे परमजी के आदेश अनुसार पकर के रुपए की व्यवस्था P3Y प्रचारक करते हैं। हर साल फाइनेंशियल यर 1 अप्रैल से 31 मार्च तक इकट्ठे हुए रुपए को भारत सरकार के आयकर विभाग के नियम अनुसार कर का भुगतान किया जाता है, जो लाखों में होता है। कर का भुगतान करने के बाद यह पैसों सेP3Y प्रचार, अनेक जगह पर परमधाम बनाना, मेडिटेशन हॉल बनाने के लिए उपयोग किया जाता है। भविष्य में इन पैसों से अनेक जगह पर और परमधाम बनेंगे, मेडिटेशन हॉल बनेंगे,P3Y स्कूल,P3Y ओल्ड एज होम, P3Y हॉस्पिटल, रिसर्च सेंटर बनाने का आयोजन हो रहा है। इस कार्य को करने के लिए करोड़ों रुपए की जरूरत पड़ेगी। P3Y से सुखी हो ना हो तो यह जवाबदारी में आपके सहयोग की आशा रखते हैं।

कई लोग मुझे कहते हैं की मुझे कोई भी इच्छा मांगनी या फिर अन्य किसी भी प्रकार की मांग करनी पसंद नहीं है। जो भी भाग्य में नसीब में होगा वही मिलेगा, इसमें मुझे क्या करना चाहिए?

जो लोग इस प्रकार की बातें करते हैं वह प्रारब्धवादी या फिर आलसी होते हैं, जिनको किसी भी प्रकार की मेहनत खुद करनी नहीं है सब कुछ नसीब के अधीन छोड़ देना है। परमजी कहते हैं की “आलसी की कोई भी इच्छा पूरी नहीं होगी”। ऐसे लोग अपनी इच्छा मांगने के लिए अपनी जीभ को हिलाने की कोशिश भी नहीं करना चाहते। ऐसे लोगों को P3Y अनुकूल नहीं होगा।

परमजी कहते हैं “जिसको रुचि नहीं उसे छोड़ दो”।

आजकल अनेक साधु बाबा, ठगी (चीटर), चोर - लुटेरे रुपया लूटने के लिए घूम रहे हैं तो परमजी और P3Y प्रचारक पर कैसे भरोसा करें?

परमजी कोई संत – महात्मा, सिद्ध पुरुष, इष्ट – भगवान या साधु बाबा नहीं है। परमजी की तुलना इनसे ना करें, परमजी सबसे पर है।

परमजी का P3Y मेहनती और बुद्धिशाली लोगों के लिए है, आलसी और मूर्ख लोगों के लिए नहीं है। सबसे पहले परमजी का जो साहित्य है उनमें से पप्र के  11 वाक्य लेकर उन्हें दो तीन बार ध्यान से पढ़ें। पप्रवा – 10 में परमजी को दिया गया वचन इच्छा पूरी होने के बाद निभाना है और वह भी आप की अनुकूलता अनुसार, मतलब पप्र में देना है काम होने के बाद और काम हो जाए तो ही देना है। इस तरह परमजी किसी के भी साथ ठग, चीटिंग धोखेबाजी नहीं करते। आप बुद्धि शाली हो आप खुद निर्णय ले।

क्या परमजी और P3Y का धार्मिक ट्रस्ट है?

परमजी और P3Y का कोई भी धार्मिक ट्रस्ट नहीं है।

परमजी के आदेश अनुसार परमजी के देहविलय के बाद किसी भी प्रकार का ट्रस्ट नहीं बना है और भविष्य में भी नहीं बनेगा। परमजी कहते थे की ट्रस्ट के अंदर सिर्फ नाम का ट्रस्ट होता है बाकी सब मिस-ट्रस्ट रहता है। आपके खुद के इकट्ठे करें रुपए आप अपनी मर्जी, समय और सुविधा के हिसाब से उपयोग नहीं कर सकते। इसीलिए ट्रस्ट नहीं बनाना।

P3Y प़चार मतलब क्या?

याद कीजिए कि आपको सबसे पहले P3Y और परमजी की जानकारी कैसे मिली? किसके द्वारा मिली? जो जवाब आपको मिलेगा वही P3Y प्रचार है। जिस तरह आप P3Y प्रणाली से सुखी हो रहे हो, उसी प्रकार से विश्व में हर एक दुखी व्यक्ति के पास परमजी का नाम और P3Y प्रणाली पहुंचाना, उसी को कहते हैं P3Y प्रचार। परम जी की वाणी “जब तक इस पृथ्वी पर एक भी जीव दुखी है तब तक मैं दुखी हूं”। मतलब परम जी स्वयं यही चाहते हैं कि दुनिया में हर एक दुखी जीव सुख प्राप्त करें। इसके लिए जो प्रयास किया जाता है उसी को P3Y प्रचार कहते हैं।

P3Y प्रचार व्यक्तिगत तरीके से भी कर सकते हैं?

P3Y प्रचार में अगर कोई सरल तरीका है तो वह व्यक्ति से व्यक्ति को प्रचार करना है। जब हम अपने घर के बाहर कुछ कार्य हेतु निकलते हैं तब अलग-अलग व्यक्ति से हमारी मुलाकात होती है, उस समय मुझे परमजी की वाणी याद आती है। परमजी की वाणी…. मेरा प्रचार किसी भी जगह पर, किसी भी परिस्थिति में, किसी भी व्यक्ति को, किसी भी समय पर्, किसी भी स्थिति में, कोई भी कार्य करते हुए कर सकते है। प्रचार करने के लिए सिर्फ मन होना चाहिए। यह बात को ध्यान में रखते हुए प्रचार के लिए ऑफिस, मार्केट, हॉस्पिटल, डॉक्टर का क्लीनिक, मित्र मंडल के साथ, मीटिंग में, कॉन्फ्रेंस में, जाहिर सभा में, बैंक, दुकान, बाजार, सब्जियां और फल लेते समय, हर एक प्रकार की मुसाफारी बस, टैक्सी, ट्रेन, रिक्शा, मेट्रो, प्लेन इत्यादि में मिले हुए व्यक्तियों में, सरकारी अर्थसरकारी ऑफिसों में, समाज के शुभ अशुभ प्रसंगों में, मंदिर में, धार्मिक स्थलों पर, रेस्टोरेंट में, होटलों में, पहाड़ों में, गुफाओं में, राणा प्रदेश में, दरियाई जहाजों में, पर्यटन स्थानों पर और अन्य जगह पर हमें नए नए व्यक्ति मिलते रहते हैं। इस समय सामने की व्यक्ति आपके साथ बड़ी सहजता से बात कर रहे हो तब विनम्रता से आप उनसे यह बताएं कि मेरे पास विश्व की सर्वश्रेष्ठ शक्ति की जानकारी है। जो मैं आपको देना चाहता हूं, जो आपके लिए आजीवन लाभदाई बनेगी। यह बात बता कर प्रचार पत्रिका उनको दीजिए और बताइए के आपको मैं विश्व की सबसे मूल्यवान चीज दे रहा हूं। इस पत्रिका में P3Y से कौन-कौन से क्षेत्र में लाभ होता वह लिखा है। P3Y प्रचारक प्रतिमा जी का कांटेक्ट नंबर है, P3Y वेबसाइट का एड्रेस है, परमधाम का एड्रेस है। आप श्री को योग्य लगे तो फोन करना या खुद आने का निमंत्रण है। इतना कहते ही अगर सामने वाले व्यक्ति और कुछ पूछती है तब आपको आपकी P3Y के बारे में समझ के अनुसार उनको समझाना। इसे कहते हैं P3Y प्रचार और इस कार्य के दौरान आप बात कर रहे हो सिर्फ एक शक्ति के साथ लेकिन आसपास अन्य व्यक्ति भी आपको सुन रहे होते हैं तब यह सारे तीनों में आपका P3Y प्रचार गिना जाता है । इसीलिए आपके पास हमेशा P3Y प्रचार पत्रिका साथ रखें। यहां बात बताते हुए परमजी की एक वाणी याद आ रही है। परमजी कहते की प्रचार में तीन कदम आप चलो चैथे कदम से मैं आपके साथ हूं।

P3Y प्रचार के आयोजन में क्या सावधानी रखनी चाहिए।‌‌

P3Y प्रचार का आयोजन ऐसा करना चाहिए कि जिस से कम खर्च में, कम समय में और कम से कम मेहनत में ज्यादा से ज्यादा लोगों में व्यक्तिगत तरीके से या फिर सामूहिक तरीके से परमजी और  P3Y  का नाम पहुंचा सके।

क्या P3Y प्रचार अकेले ही करना पड़ता है?

P3Y प्रचार अकेले या फिर अन्य P3Y कर्ता के साथ मिलकर कर सकते हैं। सर्वप्रथम आपको खुद P3Y प्रचार कम खर्च में, कम समय में, कम मेहनत में, ज्यादा से ज्यादा लोगों में कर सको इसकी तालीम P3Y टीचर से लो। उसके बाद जिन लोगों को P3Y की जानकारी नहीं है उनको जब तक समझ में ना आए तब तक शांत रह कर P3Y की जानकारी दीजिए।

P3Y प्रचार करने के लिए और P3Y से ज्यादा से ज्यादा लाभ लेकर सुखी होने के लिए कौन सी मानसिकता का त्याग करना चाहिए?

अगर मैं P3Y करूंगा और P3Y प्रचार में जाऊंगा

  1. लोग और सगा संबंधी क्या कहेंगे? (2) मुझे तो शर्म आती है
  2. मैं यह नहीं कर सकता
  3. आज मेरा मूड नहीं है
  4. आज मैं काम में बहुत व्यस्त हूं इसलिए मेरे पास समय नहीं है
  5. मेरा नसीब ही खराब है
  6. मुझे कोई सुनता नहीं है
  7. मेरी वाणी बराबर नहीं है
  8. मुझे ठीक से बोलना नहीं आता।
  9. आज बहुत ठंडी /गर्मी /बरसात है

ये सब मानसिकता छोड़कर P3Y प्रचार का कार्य करोगे तभी परमजी की शक्ति भविष्य में आपके लिए काम करेगी। आपकी इच्छाएं अविरत पूर्ण होगी और आप खूब सुखी रहोगें। यह मानसिकता छोड़कर अगर कोई p3y प्रचार में आपके साथ आए या ना आए, फिर भी आप अकेले ही परमजी के भरोसे P3Y प्रचार में निकल जाओगे तब आपको अलौकिक आनंद और परमजी की मौजूदगी का एहसास होगा।

परमजी – तीन कदम तुम चलो चौथे पर तो मैं ही हूं।

P3Y में प्रचार करने के लिए अच्छे स्थल कौन-कौन से हैं जहां पर कम समय में जल्दी से अधिकतम प्रचार हो सके?

अस्पताल में, अन्य संस्थाओं में, फैक्ट्रियों में, स्कूल – कॉलेज – यूनिवर्सिटी में, रेलवे स्टेशन के बाहर, पुलिस स्टेशन के बाहर, कोर्ट के बाहर, स्मरण ग्रुह के बाहर, मोल – मल्टीप्लेक्स, सब्जी मार्केट के बाहर, बाग बगीचे के बाहर, शादी के प्रसंग में, सामाजिक अशुभ प्रसंग में, राजकीय धार्मिक जाहेर सभा में। ऐसी जगह पर आप शर्म को छोड़कर P3Y प्रचार करने योग्य है।

परमजी – मेरा प्रचार हर घड़ी, हर समय, हर जगह पर किया जा सकता है।

P3Y प्रचार और कौन से तरीके से किया जा सकता है?

  1. समाज में शुभ प्रसंगके लिए या फिर अशुभ प्रसंग के लिए इकट्ठे हो तब व्यक्तिगत तरीके से या फिर सामूहिक तरीके से P3Y प्रचार सहजता से किया जा सकता है।
  2. मित्रों के साथ समय व्यतीत कर रहे हैं तब, बस में, ट्रेन में, कार में, प्लेन में मुसाफिर के दौरान P3Y प्रचार सहजता से किया जा सकता है।
  3. खुद के घर में, उद्योग के स्थल पर, सगे संबंधी के घर पर और अन्य जगह पर जो आपको अनुकूल पड़े वहां पर P3Y क्लास का आयोजन करके P3Y प्रचार कर सकते हैं।
  4. लोकल केबल कनेक्शन के द्वारा, लोकल चैनल द्वारा, डिस्क एंटीना, रेडियो एफएम, अलग-अलग टेलीविजन चैनल, अलग-अलग न्यूज़पेपर के द्वारा, एक शहर, अनेक शहर, एक राज्य, अनेक राज्य, एक देश, अनेक देश में P3Y प्रचार कर सकते हैं।
  5. सोशल मीडिया जैसे ईमेल, इंटरनेट टेलीविजन, समाचार पत्रिका, WhatsApp, SMS, Facebook, Instagram, Twitter, YouTube, telegram जैसे अलग-अलग सोशल मीडिया के द्वारा P3Y प्रचार कर सकते हैं।
  6. परमजी के अलग-अलग साहित्य के द्वारा भी P3Y प्रचार कर सकते हैं।
  7. अन्य कोई और तरीके जिससे परमजी का नाम – P3Y का नाम अन्य लोगों तक पहुंचता है उस हर एक तरीके से P3Y प्रचार कर सकते हैं।

P3Y क्लास/ परमजी का क्लास लगाने का मतलब क्या होता है?

जिस कार्यक्रम में P3Y प्रणाली की संपूर्ण माहिती, परम जी से लाभ लेने का तरीका सिखाया जाता है, P3Y के बारे में जानकारी दी जाती है वही P3Y क्लास / परमजी का क्लास है। जिसमें परमजी स्वयं विराजमान होते हैं। P3Y क्लास अनेक प्रकार के होते हैं। आय की बढ़ोतरी के लिए, विद्यार्थी के सर्वांगी विकास के लिए, अधूरी इच्छा पूर्ण हो इसलिए, रोग निवारण, संकट निवारण, अनुभव क्लास, पूनम के क्लास, अमावस्या के क्लास, तंत्र – मंत्र, मैली विद्या इत्यादि। जो व्यक्ति 1 सप्ताह में एक से ज्यादा बार P3Y क्लास अटेंड करता है, परमधाम आकर परमजी के दर्शन करता है, परमयोग करता है उस व्यक्ति का पूरा सप्ताह बिना व्यवधान के या फिर कम से कम व्यवधान के साथ अच्छी तरह पूरा होता है।

P3Y महोत्सव या फिर P3Y के बड़े क्लास पूरे साल में कौन-कौन से है?

1) मकर संक्रांति, 2) रामनवमी, 3) गुरु पूर्णिमा, 4) जन्माष्टमी, 5) विजयदशमी (दशहरा), 6) दत्त जयंती

सारे दिन परमजी के तरीके से मनाए जाने वाले P3Y महाउत्सव के दिन है।

P3Y उत्सव क्लास मतलब क्या?

P3Y कैलेंडर में दिए गए P3Y महोत्सव के अलावा अन्य उत्सव जैसे कि जन्म दिवस, मैरिज एनिवर्सरी, कोई आपका बड़ा काम बन गयाउसकी खुशी में, कोई इंपॉर्टेंट मीटिंग के दरमियान, समाज के कोई बड़े प्रसंग के लिए, स्कूल –  कॉलेज के वार्षिक कार्यक्रम के दौरान, प्रार्थना सभा के दौरान अनेक लोग इकट्ठे होकर P3Y क्लास का आयोजन करते हैं जिसे P3Y उत्सव कहते हैं।

आपके घर पर/व्यापार की जगह पर P3Y क्लास बिठाना मतलब क्या?

P3Y प्रणाली में इच्छा पूर्ण होने के बाद P3Y से ज्यादा लाभ लेने के आश्रय से परिवार के लड़ाई झगड़े, बीमारी, हर एक प्रकार के दोष, हर एक प्रकार के अवरोध दूर होकर इसी घर में ज्यादा सुख – शांति, समृद्धि बनी रहे और P3Y प्रचार हो इस हेतु से घर पर बिठाए हुए परमजीके क्लास को P3Y क्लास बिठाना कहते हैं। व्यापार नहीं चल रहा, इनकम नहीं बढ़ रही, हमेशा कुछ ना कुछ समस्या रहती है, हमेशा नुकसान होता हो, उसी प्रकार अन्य हर एक समस्या/ संकट के निवारण हेतु व्यापार की जगह पर परमजी का क्लास बिठाना उसी को व्यापार का P3Y क्लास कहते हैं। ऊपर के दोनों परिस्थिति में परमजी से अधिकतम लाभ मिले तदुपरांत पहले से  पप्रवा 11 में बोले हुए वचन को निभाने हेतु यहां P3Y क्लास घर पर या फिर व्यापार की जगह पर या फिर समूह में परमधाम में बिठा सकते हैं। P3Y क्लास बिठाने के लिए P3Y प्रचारक/ P3Y टीचर को पहले से P3Y क्लास को लिखवाना पड़ता है। यह P3Y क्लास आपके घर पर रूबरू बुलाकर भी होता है या फिर परमधाम में समूह में होता है।

P3Y क्लास घर पर/ व्यापार के स्थल पर बिठाने से पहले क्या तैयारियां करनी चाहिए?

  1. सबसे पहले परमजी को आपके घर पर P3Y क्लास में आने का निमंत्रण दीजिए
  2. जिस जगह पर P3Y क्लास बिठाना है, उस जगह की सफाई करके स्वच्छ कीजिए।
  3. P3Y क्लास शुरू होने से पहले परमजी का फोटो की स्थापना ऐसी जगह पर रखें जिससे हर एक व्यक्ति देख सकें।
  4. ज्यादातर व्यक्ति बैठ सके उस हिसाब से क्लास शुरू होने से पहले आसन बिछा दे।
  5. क्लास में पीने का स्वेच्छा पानी धातु के बर्तन में रखें और धातु के गिलास रखें। (कांच के बर्तन का उपयोग ना करें)
  6. इस क्लास में आप के विस्तार के, आपके समाज के, आपके सगे संबंधी, आपके आसपास के 20 से 25 घरों में परमजी के क्लास का निमंत्रण देकर अपने घर पर/ व्यापार के जगह पर इकट्ठे कीजिए और परमजी से खूब लाभ दिलाइए, खूब लाभ ले।

क्या P3Y क्लास समूह में परमधाम में बिठा सकते हैं?

P3Y क्लास समूह में परमधाम में बिठा सकते हैं। परमधाम में समूह में P3Y क्लास बिठाने के लिए P3Y प्रचारक को आपके क्लास के हेतु की जानकारी दीजिए, नोट कराएं और P3Y प्रचारक जो तारीख और समय दें उसे नोट कर ले, उस समय पर परमधाम में शक्य हो तो खुद हाजिर रहे।

P3Y क्लास बिठाने से क्या फायदा होता है?

हर एक प्रकार के P3Y क्लास व्यक्तिगत स्थल के ऊपर या फिर परमधाम में समूह में बिठाने से परमजी और उनकी शक्ति खुश होती है। P3Y की शक्ति ज्यादा प्राप्त होती है। इसलिए सुख शांति समृद्धि में बढ़ोतरी होती है, पितृ को शांति मिलती है। पितृ दोष दूर होते हैं। अन्य दोष जैसे कि वास्तु दोष, ग्रह दोष, सर्प दोष इत्यादि का निवारण होता है। समाज में मान सम्मान यश कीर्ति में बढ़ोतरी होती है। P3Y क्लास P3Y प्रचार का बहुत अच्छा माध्यम है। इसीलिए व्यक्तिगत P3Y क्लास बिठाने से पहले ज्यादा से ज्यादा लोगों को निमंत्रण देकर इकट्ठे करके इस कार्यक्रम को भव्य बनाएं। ध्यान रहे कि कम से कम खर्च में, अपने बजट अनुसार P3Y क्लास का आयोजन करें। लक्ष्य यही रखें कम खर्च में ज्यादा P3Y प्रचार।

मेरे घर P3Y क्लास करने के लिए स्वयं प्रतिमाजी की जगह पर संजोग से अन्य दूसरे P3Y टीचर को भेजते हैं, उस P3Y टीचर के पास P3Y क्लास कराना योग्य है? क्या प्रतिमाजी के चरण मेरे घर पर नहीं पड़े फिर भी मुझे लाभ होगा?

मन मुखी बनने से अच्छा परमजी मुखी बनो तभी लाभ होगा। P3Y प्रणाली में कर्ता परमजी ही है। प्रतिमाजी का आपके P3Y क्लास में ना आना हमेशा नहीं होता है , अगर प्रतिमा जी आपके घर P3Y क्लास में संजोग से नहीं आ सकते तो समझना कि P3Y के किसी महत्त्व के कार्य में व्यस्त होने के कारण नहीं आ सके। प्रतिमाजी हमेशा परमजी को और P3Y प्रचार को प्राधान्य देते हैं और P3Y प्रचार का कार्य साइड पर रखकर किसी अन्य चीज को प्राधान्य नहीं देते। जिस दिन आप परमजी का P3Y क्लास लिखवाते हैं, उसी दिन से परमजी की शक्ति आपके लिए काम करने लगती है।

जिस दिन आपके घर P3Y क्लास होता है उस दिन सुबह प्रतिमाजी आपके लिए परमजी को विनती करते है, आपकी भविष्य की इच्छाए जल्द से जल्द पूर्ण हो इसलिए परमजी को P3Y क्लास में आने का निमंत्रण देते हैं। इसीलिए परमजी के मार्गदर्शन एवं आदेश अनुसार प्रतिमाजी ने P3Y टीचर को आपके घर भेज कर जो व्यवस्था की है उन व्यवस्था का पालन करें। P3Y क्लास में परमजी स्वयं विराजमान होते हैं यह बात भूलना नहीं। P3Y प्रणाली में न्याय ही न्याय और लाभ ही लाभ है।

इसलिए किसी भी तरह की शंका किए बगैर प्रतिमाजी ने जिस व्यक्ति को P3Y क्लास करने के लिए भेजा है उसका अपमान कभी नहीं करना। ऐसे वचन बोलकर P3Y क्लास करने आए व्यक्ति को दुख पहुंचाना नहीं। इसीलिए जो व्यक्ति आपके घर P3Y क्लास करने आए उनके पास बिना संकोच किए P3Y क्लास बिठा लीजिए आपको लाभ ही होगा। आपके द्वारा किया गया अपमान और प्रतिमाजी के ना आने के कारण रद्द किया गया P3Y क्लास, परमजी, परमजी के शक्ति और परमजी के द्वारा बनाई गई व्यवस्था का अपमान है। इसमें अपमान करने वाले – P3Y क्लास रद्द कराने वाले को नुकसान पहुंचता है।

परमजी: “शंका – कुशंका करना मतलब मेरी व्यवस्था पर शक करना”

मेरी दृष्टि से आप प्रामाणिक, मेहनती और बुद्धिशाली व्यक्तियों की कक्षा में आते ही है। मैं आपसे यह आशा रखता हूं और  परमजी से विनती करता हूं, कि आपको ऐसी बुद्धि प्रदान करें जिसमें आपसे ऊपर बताई गई भूल ना हो। शेष आपकी इच्छा।

P3Y क्लास बिठाने के लिए क्या करना चाहिए?

P3Y क्लास पहेले से नोट कराना पड़ता है। क्लास नोट कराने के लिए रूबरू परमधाम जाना पड़ता है या फिर मोबाइल से संपर्क करके आपको आपके घर या फिर अन्य किसी जगह पर, जहां पर आप क्लास बिठाना चाहते हैं  वह P3Y प्रचारक प्रतिमाजी को बताना पड़ता है। और प्रतिमाजी बताए उस समय पर लोगों को इकट्ठा करके P3Y क्लास होता है।

अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें:
P3Y प्रचारक: प्रतिमाजी
“परमधाम”, 3, आनंद नगर सोसायटी, लालवाड़ी के पास, भारती मैया अस्पताल के पीछे, सगरामपुरा, सूरत (गुजरात)
मो नं. 7574849701, 9327429101, 9426444894
Website: www.p3y.in

परमधाम मतलब क्या? कौन-कौन सी जगह पर परमधाम है?

परमधाम मतलब परमजी का धाम, जहां पर परमजी अलौकिक रूप में मूर्ति में एवं छवि के रूप में विराजमान है। मानव जीव को परमजी की शरण में जाने के लिए और परमजी को पाने का पवित्रा एवं दिव्य स्थल मतलब परमधाम। परमधाम में मूर्ति रूप में और छवि के रूप में विराजमान परमजी की अलौकिक हाजिरी में P3Y प्रचारक प्रतिमाजी के मधुर कंठ में संपूर्ण P3Y प्रणाली जैसे कि पप्र, परमनिवेदन, परमयोग की क्रियाएं परमनाद – परमसांस सिखाया जाता है। जहां पर हर धर्म में आ रहे हैं हर एक दिन का महत्व एवं उत्सव के अनुसार सामूहिक तरीके से P3Y क्लास बिठाए जाते है और अटेंड किए जाते हैं। परमधाम में हर रोज बहुत सारे लोग नसीब से ऊपर की इच्छा पूरी करने के लिए, सुख शांति, समृद्धि, रोग निवारण, संकट निवारण, कष्ट निवारण के समाधान के लिए प्रतिमाजी के पास परमधाम में आते हैं। परमजी और पराशक्ति से अनेक लाभ लेते हैं। परमधाम में परमजी की मूर्ति और परमजी की फोटो के सामने परमध्यान करके लाखों लोग अलौकिक आनंद का अनुभव लेकर अपने जीवन को धन्य बनाते हैं।

परमधाम में परमजी के साहित्य की हर एक वस्तुएं उपलब्ध होती है। वर्तमान में परमधाम

  1. विश्व में सर्वप्रथम परमधाम : 124, पूनम नगर सोसायटी, भटार रोड, सूरत, गुजरात
  2. “परमधाम”, आनंद नगर सोसायटी, लालवाड़ी के पास, भारती मैया अस्पताल के पीछे, सगरामपुरा, सूरत, गुजरात
  3. “परमधाम”, सिटी सर्वे नंबर 50, एस.वी रोड, जैन मंदिर के पास, उमरगांव (टाउन), जि. वलसाड, गुजरात मे कार्यरत है।

विश्व का सर्वप्रथम परमधाम कहां पर बनाया है?

विश्व का सर्वप्रथम परमधाम , 124, पूनम नगर सोसाइटी, भटार रोड, सूरत गुजरात में है। मूल रूप से 124, पूनम नगर सोसाइटी, भटार रोड, सूरत का मकान अक्षयजी और प्रतिमाजी का निवास स्थान था। परमजी इस मकान में आते थे, हरेक काम करते थे कराते थे। और जरूरत के हिसाब से यहां पर रुकते थे।

दिनांक 04 जून 2009 के दिन परमजी के अंतिम दर्शन इसी जगह से लाखों लोगों ने (देश विदेश से आए) सुबह 03:30 बजे से 10:10 बजे तक किए हैं।

124 पूनम नगर, भटार रोड, सूरत में परमजी का एक कमरा है। जहां पर खुद परमजी, परमजी के पवन चरण, परमजी के द्वारा उपयोग में ली गई अमूल्य वस्तुएं और परमजी की हर एक याद हमेशा के लिए सुरक्षित वैसी की वैसी रहे, उसके लिए यह मकान प्रतिमाजी और अक्षयजी ने साल – 2013 में खाली करके अपना निवास स्थान अन्य दूसरी जगह कर दिया। और यह मकान परमजी के P3Y प्रचार के पवित्र कार्य में समर्पित करके विश्व का सबसे पहला “परमधाम” बनाया। जहां पर आज भी P3Y प्रचार चल रहा है।

विश्व का सर्वप्रथम 'परमधाम', 124, पूनम नगर, भटार रोड, सूरत में आया है। जिसकी मुलाकात लेने से क्या लाभ होता है।

विश्व के सर्वप्रथम “परमधाम” में परमजी स्वयं रहे हैं और उनके पवन चरण की अनेक शक्तियां इस भूमि पर है। यह भूमि बहुत पवित्र है। जो इच्छाएं ईस्ट देवी देवता, मन्नत, पूजा पाठ, तंत्र मंत्र यह सब करने के बाद भी पुरी नहीं होती। जब जीवन में हताशा निराशा आ जाए, हार जाए, थक जाए, जीवन में घोर अंधकार आ जाए, आत्महत्या करने का विचार आए, ग्रह – नक्षत्र आपके लाभ हित में काम नहीं कर रहे। अन्य जीवन की समस्या में रास्ते नहीं मिल रहे, एसे समय में आखिरी उपाय के तौर पर, 124, पूनम नगर, भटार रोड, सूरत, गुजरात में आया हुआ विश्व का सबसे पहला परमधाम की मुलाकात पहले से प्रतिमाजी की मंजूरी लेकर करें।

यहां मुलाकात लेने से आपको तुरंत शांति का अनुभव होगा और जल्दी राहत मिलेगी। आपकी समस्या जल्दी से दूर होगी और इच्छाए जल्द से पुरी होगी। विश्व का पहला परमधाम की मुलाकात और परमजी के कमरे के दर्शन मतलब समस्या का अंत सुख – शांति समृद्धि की शुरुआत और जीवन में मोक्ष की प्राप्ति।

प्रतिमाजी और अक्षयजी कौन है?

साल 1991 में प्रतिमाजी और अक्षयजी को P3Y की जानकारी अक्षयजी के माता के द्वारा लाया गया परमजी के साहित्य से मिली। धीरे धीरे P3Y से लाभ लेने की शुरुआत की और P3Y से अकल्पनीय लाभ होने लगे । परमजी के संपर्क में रह रहे अन्य व्यक्तियों द्वारा और परमजी के मौखिक आदेश अनुसार (बिना दर्शन किए) प्रतिमाजी और अक्षयजी ने परमजी के P3Y का प्रचार व्यक्तिगत तरीके से और P3Y क्लास लेने की शुरुआत की। बहुत फायदा होने लगा। इस तरह प्रतिमाजी और अक्षयजी परमजी के द्वारा बनाए गए P3Y प्रचारक है। इसके दरमियान साल,1987 से जो लुटारू और पत्रकार परमजी का धन लुटने का प्रयास कर रहे थे उन्होंने साथ मिलकर  परमजी के उपर साल 1994 में झूठे आरोप के कोर्ट केस किया और परमजी की धरपकड़ हुई। पुलिस के पास लाठी चार्ज भी करवाया। परमजी को सूरत में तथा अन्य जगह पर अलग-अलग समाचार पत्र के द्वारा बदनाम करने की कोशिश होने लगी। बदनामी रोकने के लिए रुपए दोगे तभी समाचार पत्र में जो भी आपके विरुद्ध आ रहा है वह बंद किया जाएगा। परमजी इस धमकी, पुलिस केस और कोर्ट केस के सामने डरे नहीं, पीछे हट नहीं किया और हिम्मत पूर्वक सामना किया।

परमजी ने लोगों को दर्शन देना बंद किया।

इस समय में परमजी के नजदीक जीतने भी लोग थे उन्होंने परमजी को यह समझाया कि प्रतिमाजी और अक्षयजी को दर्शन नहीं दिजिए। प्रतिमाजी और अक्षयजी की परमजी के प्रति कट्टरता, निष्ठा और P3Y प्रचार के कारण साल 1995 में परमजी ने सामने से बुलाकर दर्शन दिए थे। इस तरह बहुत कम समय में प्रतिमाजी और अक्षयजी परमजी के बहुत करीब आ गए थे। प्रतिमा जी के द्वारा किए जाने वाले P3Y प्रचार की परमजी खूब तारीफ करते। परमजी ने प्रतिमाजी को ‘दादी’ नाम दिया था, और अक्षयजी को ‘दादा’।

परमजी हमेशा प्रतिमाजी को दादी कहते थे और परमजी कहते थे कि दादी मेरी P3Y प्रणाली की जूनियर फीमेल परमजी है और लेडी परमजी है। परमजी हमेशा कहते की दादी (प्रतिमाजी) पिछले 15 जन्मों से मेरे साथ है। परमजी ने प्रतिमाजी को गुरु से भी ऊपर का स्थान दिया है।

P3Y में कहीं नए और पुराने लोग प्रतिमाजी को मां का कर भी बुलाते हैं। इसी प्रकार परमजी ने अक्षयजी को P3Y प्रचार के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों के काम भी सिखाए हैं और P3Y के भीष्म पितामह का स्थान दिया है। प्रतिमाजी और अक्षयजी परमजी के साथ परमजी के जीवन के अंतिम समय तक उनके साथ रहे। जिस तरह भूतकाल में परमजी का धन लूटने के लिए परमजी के ऊपर जूठे आरोप के कोर्ट केस हुए और परमजी को हर तरीके से परेशान करने की कोशिश परमजी के अंतिम समय तक होती रही। उसी अनुसंधान में साल 2014 में छपरा डिस्ट्रिक्ट – सारन, बिहार से अनजाने ईसम द्वारा प्रतिमाजी और अक्षयजी के ऊपर झूठे आरोप लगाकर कोर्ट केस किया गया। भूतकाल में ऐसा चला था और भविष्य में भी चलता रहेगा।

P3Y टीचर मतलब क्या? P3Y टीचर का कार्य क्या है? P3Y टीचर बनने से क्या लाभ होता है?

जो व्यक्ति P3Y से अनेक लाभ लेकर कट्टर बना है, खुद तो P3Y करता है नए लोगों को P3Y प्रणाली सिखाता है, P3Y क्लास करता है वह P3Y टीचर है। P3Y गुरु है। टेलिफोनिक क्लास में परम जी एक बार बोले थे ” आज मैं सबको प्रचारक बना रहा हूं, सब प्रचारक बनो।” तकलीफ में रहते लोगों को जो व्यक्ति पप्र, परमयोग कराता है वह व्यक्तिगत P3Y टीचर है। एक साथ पांच या ज्यादा लोगों को इकट्ठा करके P3Y कराता है वह अच्छा P3Y टीचर है। जो व्यक्ति मुख्य P3Y प्रचारक कि अनउपस्थिति में परमधाम में आ रहे लोगों को पप्र – परमयोग कराता है, संपूर्ण P3Y क्लास कराता है, एवं मुख्य P3Y प्रचारक जो आदेश दे उनका पालन करें, मनमुखी न बनकर जो काम दिया गया है उसे निष्ठापूर्वक करें। वह विशेष P3Y टीचर है।

P3Y टीचर P3Y को विश्व व्यापी बनाने  के महत्व के कार्य में तन – मन और धन से सहयोगी बनता है। इसीलिए P3Y टीचर के ऊपर परमजी के विशेष आशीर्वाद रहते हैं, परमजी ज्यादा प्रसन्न रहते हैं। P3Y की अधिकतम शक्ति मिलती है और उनकी इच्छाए जल्दी से पूर्ण होती है। P3Y टीचर हमेशा P3Y प्रचार को किस तरह आगे बढ़ाया जा सकता है उसी काम में मग्न रहते हैं। P3Y टीचर परमधाम में अधिकतम लोग आए इसलिए घर – घर, गांव – गांव, शहर – शहर घूमकर लोगों को बुद्धि पूर्वक P3Y क्लास में आने का आमंत्रण देना पड़ता है। लोगों को P3Y से हो रहे लाभ बताने पड़ते हैं। P3Y प्रचारक कहे उन घरों में P3Y क्लास लेना पड़ता है, जिससे P3Y टीचर के कम जल्दी से बने।

P3Y प्रचार यात्रा (प्रोसेशन) मतलब क्या? क्या मैं इसका हिस्सा बन सकता हूं? इस यात्रा से क्या लाभ होगा?

परमजी कहते हैं कि इस धरती पर अगर एक भी जीव दुखी है तो मेरा सुख अधूरा है।

परमजी चाहते हैं कि विश्व में हरेक व्यक्ति के पास परमजी के P3Y का नाम पहुंचे। जब भी P3Y महोत्सव आने वाला हो उससे पहले आने वाले रविवार को P3Y प्रचार, P3Y टीचर, पप्रको और अन्य लोग मिलकर परमजी के फोटो किसी बड़े वाहन में रखकर प्रचार के लिए शोभायात्रा निकालते हैं। जिसको P3Y प्रचार यात्रा कहा जाता है। सबसे पहले प्रचार यात्रा निकालने से पहले शहर की कोई एक जगह या ज्यादा जगह पसंद किया जाता है। P3Y प्रचारकों, P3Y टीचर्स, पप्रको मिलकर प्रचार यात्रा का रास्ता बनाते हैं। कायदे से पुलिस कमिश्नर श्री की लिखित मंजूरी लेने के बाद लाउडस्पीकर ओर अन्य प्रचार के माध्यम के उपयोग से यह प्रचार यात्रा निर्धारित, पहले से मंजूर किए गए शहर के जाहेर रास्तों पे निकली जाती है।

व्यक्ति विश्व के सर्वश्रेष्ठ P3Y प्रचार के कार्य में दुखी लोगों तक परमजी का नाम पहुंचे यह हेतु से इस भागीरथ कार्य का हिस्सा बनकर पुण्य कम सकता है।

इस प्रचार यात्रा में अनेक लोग अपनी इच्छा पूर्ति के अनुभवों और अन्य बाकी P3Y प्रचार के लिए सामूहिक प्रचार यात्रा में शामिल होते हैं। जहां पर परमजी के साहित्य का उपयोग करके, हर एक संभावित प्रयत्न के द्वारा कम समय में, कम खर्च में, कम से कम मेहनत में अपने रास्ते में आने वाले हर एक व्यक्ति, घर, दुकान, संस्थान में जा जाकर P3Y प्रचार किया जाता है।

व्यक्ति की इच्छा पुरी करने के लिए परमजी के तरीके में पप्रवा 1 से 11 का उल्लेख है। उसमें किसी भी जगह पर भेंट देने का उल्लेख नहीं है, तो क्या परमजी/ P3Y प्रचारक भेंट स्वीकार करते हैं?

परमजी के इच्छा पूर्ति तरीके में पप्रवा 10 में पकर व्यवहार ओर पप्रवा 11 में पकर प्रचार बोलना पड़ता है। लेकिन परमजी का एक और विकल्प है, भेंट देना। जो वैकल्पिक है। जो व्यक्ति परमजी और पराशक्ति की अधिक कृपा दृष्टि चाहते हैं और अपनी इच्छा जल्दी पुरी करना चाहते हैं, वह व्यक्ति पप्रवा 10 में व्यवहार, पप्रवा 11 में प्रचार के उपरांत एक और विकल्प के तौर पर भेट देने का वचन बोल सकते हैं।

यह भेंट परमजी /P3Y प्रचारक, व्यक्ति की इच्छा पुरी होने के बाद वह व्यक्ति खुद देने आता है वह स्वीकार्य है।

टिप्पणी: भेंट देने का वाक्य परमजी-पप्र-परमयोग में आता नहीं… आता नहीं….. आता नहीं।

परमजी को भेंट देंगे ऐसा पप्रवा 10 व्यवहार का वाक्य और पप्रवा 11 प्रचार  के वाक्य में नहीं बोले…. नहीं बोले…. नहीं बोले….

इच्छा पुरी होने के बाद बोली हुई भेंट देने का वचन प्रमाणिकता से निभाने पर क्या होगा?

P3Y में प्रामाणिक रहना अति आवश्यक है। भेंट देने का वचन निभाने से लाभ ही लाभ है। लाभ की यादि नीचे दी गई है।

  1. वर्तमान से अधिक सुखी, समृद्धि, निरोगीता, तंदुरुस्ती और आनंद में बढ़ोतरी होती रहती है।
  2. नसीब के अधीन आने वाले संकट, विघ्न, बीमारियां दूर रहे। नसीब के दुख में तिहाई भाग से कमी आए और सुख में अनेक गुना बढ़ोतरी हो।
  3. तंत्र मंत्र, मेली विद्या, भूत प्रेत, नजरटोक, वशीकरण इत्यादि की असर कम से कम हो। घर/समाज में मान-सम्मान, यश-कीर्ति में बढ़ोतरी होती है और अन्य मांगी हुई इच्छाएं जल्दी से पूर्ण होती है।

परमजी के पवन चरण में दी गई भेंट के उदाहरण दोगे?

परम जी के पवन चरण में भेंट के लिए (1) निश्चित लीटर दूध की कीमत, (2) परमजी के लिए निश्चित भोजन की कीमत, (3) निश्चित मीटर कपड़े की कीमत, (4) निश्चित संख्या में कंबल की कीमत, (5) भेंट के तौर पर एक से लेकर लाखों, करोड़ों, अबज – रुपया/डॉलर/पाउंड (आप जिस करेंसी में देना चाहते हो वह बोले) (6) एक/अनेक जगहों पर एक फ्लेट या फिर अनेकों फ्लेट या फिर उनकी किमत भेंट देना। (7) एक/अनेक टु व्हीलर/फोर व्हीलर/बस/ट्रक/अन्य वाहन या फिर उसकी कीमत भेंट के रूप में (8) एक/ अनेक शहरों में, राज्यों में, देशों में अनेक व्यक्ति बैठ सके वैसा हॉल या फिर उसकी कीमत भेंट के रूप में (9) P3Y संशोधन केंद्र परमधाम, परम हॉस्पिटल, परम वृद्धा आश्रम तैयार या फिर बनाने की जगह या फिर उसकी कीमत भेट के रूप में (10) सोना, चांदी, प्लेटिनम, हीरे जवाहरात या फिर अन्य कीमती वस्तुएं भेंट के रूप में (11) P3Y प्रचारक कहते हैं उस कार्य में आपको योग्य लगे वह भेंट दे सकते हो।

नोट: अगर पॉसिबल हो तो किसी भी भेंट को डिसाइड करने से पहले और देने से पहले P3Y प्रचारक की सलाह लेनी चाहिए।

यह कहा जाता है की P3Y से कम समय में, कम मेहनत में और कम खर्च में काम बनता है। क्या यह सत्य है कि असत्य यह में वैज्ञानिक तरीके से जान सकता हूं/अनुभव कर सकता हूं?

P3Y प्रणाली को प्रयोग के द्वारा आप जान सकते हो – अनुभव कर सकते हो। आप जैसे बुद्धिशाली लोगों का P3Y प्रणाली में स्वागत है। आपको प्रयोग करके, रिसर्च करके वैज्ञानिक तरीके से जान सकते हो – अनुभव कर सकते हो। वैज्ञानिक तरीके से P3Y से कम समय में, कम मेहनत में और कम से कम खर्च में काम होता है, वह जान सकते हैं और खुद भी अनुभव कर सकते हैं। वैज्ञानिक बनो, खुद प्रयोग करके अनुभव प्राप्त करो उसके बाद ही अन्य को कहो। नीचे बताया ऐसे प्रयोग करें।

(1) दो गमले लो

(2) दोनों का नामकरण करो

गमला नंबर 1 (P3Y के अधीन)

गमला नंबर 2 (कुदरत के अधीन)

(3) दोनों गमले में पौधा, मिट्टी, खातर, बीज, दवाई, मेहनत, सुरक्षा एक समान रखो।

(4) गमला नंबर 1 (P3Y के अधीन) लो और बोलो

पप्रवा: 1. परमं शरणं गच्छामि

  1. हंसं शरणम गच्छामि
  2. अद्वैतं शरणम गच्छामि
  3. आनंदम शरणम गच्छामि
  4. चरणं शरणम गच्छामि
  5. हे परमजी
  6. मुझ पर कृपा करो
  7. सिर झुकाकर परमजी को नमस्कार करता/करती हूं
  8. हे परमजी, P3Y शक्ति का स्वयं अनुभव करने के लिए मैं आज यह गमला नंबर 1(परमजी P3Y) में यह गुलाब का पौधा लगा रहा हूं। आपकी अधिकतम शक्ति दीजिए, जिसे पौधा मरे नहीं, जल्दी से पौधे का विकास हो, पौधा तंदुरुस्त रहे, फूल जल्दी से और बड़े आए हैं, ज्यादा फुल आए, कम से कम खाद में/दवाई में जल्दी विकास हो।
  9. इच्छा पूर्ण होते ही पकर में………… रुपये(आप जो करेंसी में कमाते हो वह बोले) परमजी को डूंगा/डूंगी या फिर एक लीटर पानी परमजी को चढ़ाऊंगा या फिर एक फूल परमजी को चढ़ाऊंगा ।
  10. इच्छा पूर्ण होते ही पकर में………. नए व्यक्तियों को किसी भी माध्यम से P3Y सिखाऊंगा।

(5) गमला नंबर 2 (कुदरत के अधीन)

P3Y किए बिना का गमला, कुदरत के अधीन छोड़ दो।

परिणाम: गमला नंबर 1 (परमजी P3Y) में गमला नंबर 2 (कुदरत के अधीन) के मुकाबले गुलाब के पौधे का विकास जल्दी से होता है। फूल बहुत जल्दी से और बड़े आते हैं। पौधे की अकाल मृत्यु नहीं होती है। कम से कम खाद में अच्छा परिणाम मिलता है। भूतकाल में भी इस प्रयोग में ऐसे परिणाम देखने को मिले हैं।

सबूत: यह सत्य है कि, P3Y से कम समय में, कम मेहनत में, कम खर्च में इच्छा पूरी होती है और निर्जीव मिट्टी भी परमजी की बात मानती है।

“मेरे से कुछ भी संभव है” -परमजी
“चिंता ना करो, मुझ पर छोड़ दो, सब ठीक रहेगा”-परमजी
“चिंता करना मतलब परमजी, P3Y की व्यवस्था पर शंका करना”

क्या P3Y करने से बुद्धि का अंक (IQ - intelligence quotient) बढ़ता है? वैज्ञानिक तरीके से बुद्धि का अंक बढ़ा है वह कैसे जान सकते हैं?

P3Y करने से बुद्धि का अंक अवश्य बढ़ता है और वैज्ञानिक तरीके से साबित भी कर सकते हैं।

इस प्रयोग को करने के लिए सबसे पहले 10 बच्चों को पसंद करें, हो सके तो अलग-अलग धर्म को मानने वाले बच्चों को पसंद करें। प्रयोग शुरू करने से पहले सारे बच्चों के बुद्धि का अंक चेक करें और हर एक बच्चे का नाम के सामने उनका बुद्धि का अंक लिखा जाए।

इन 10 बच्चों में से पांच – पांच बच्चों के दो समूह बनाए। जिसमें समूह नंबर (1) P3Y P3Y करने वाला समूह, (2) P3Y बिना का समूह

समूह नंबर (1) (P3Y के अधीन बच्चे) में जो पांच बच्चे हैं उनको पढ़ाई और अभ्यास की तालीम 1 महीने तक निरंतर दीजिए। इस समूह में जो बच्चे हैं उनको P3Y प्रणाली के अनुसार पप्र, परमनिवेदन, परमसास, परमनाद, परमयोग और परमध्यान करके अभ्यास करेंगे। पूरा महीना बिना भूले हर एक बच्चा P3Y की प्रणाली की हर एक क्रिया अवश्य करें।

समूह नंबर (2) (P3Y बिना का समूह) के पांचों बच्चों को पढ़ाई और अभ्यास की तालीम 1 महीने तक निरंतर दीजिए। इस समूह के बच्चों को उनके नसीब के अधीन छोड़ दीजिए।

(समूह नंबर 2 के बच्चे P3Y प्रणाली में बताई गई कोई भी क्रिया नहीं करेंगे)

1 महीने के बाद समूह नंबर 1 के बच्चे और समूह नंबर 2 के बच्चों का बुद्धि अंक  (IQ) माप लीजिए और हर एक बच्चे के नाम के सामने लिख दीजिए।

परिणाम:

समूह नंबर 1 में रहे बच्चों के बुद्धि अंक (IQ) और सुनो नंबर 2 में रहे बच्चों के बुद्धि अंक को कंपेयर करते हैं तो मालूम पड़ता है कि जो 5 बच्चे P3Y के अधीन थे उनका बुद्धि अंक में बहुत ज्यादा बढ़ोतरी हुई मिलते हैं।

साबिती : सत्य है कि P3Y से कम समय में, कम खर्च में और कम मेहनत में इच्छा पूरी होती है। और बुद्धि का अंक (IQ) भी बढ़ता है।

सामान्य रूप से उमर के बढ़ते बुद्धि का अंक(IQ) कम होता जाता है। अगर ज्यादा उम्र वाला व्यक्ति भी ऊपर बताया गया प्रयोग करेगा तो उम्र के साथ उनकी आइक्यू (IQ) में बढ़ोतरी देखी जा सकती है।

परमजी: “मेरे से कुछ भी संभव है’

परमयोग मतलब क्या?

P3Y की समग्र प्रणाली में तीसरा P मतलब परम और Y मतलब योग, मतलब परमयोग।

परमयोग के मुख्य रूप से तीन अंग है

  1. परमनाद
  2. परमसांस
  3. परमध्यान

परमयोग परमजी के द्वारा सिखाई गई पद्धति है, जिसके द्वारा आप अपनी आध्यात्मिक इच्छाएं पूरी कर सकते हो और सनातन शांति पा सकते हो।

परमयोग मतलब परमजी को अलौकिक  रूप में पाने का तरीका। परमयोग मतलब खुद को जानने का तरीका।

परमयोग करने से क्या लाभ होता है?

परमयोग के द्वारा मन शांत होता है, मानसिक रोग निवारण होता है, रात को अच्छी नींद आती है, बुद्धि, एकाग्रता, निर्णय शक्ति, स्मरण शक्ति बढ़ती है। आध्यात्मिक/अलौकिक अनुभव होते हैं। बुद्धि का अंक (IQ) बढ़ता है, मन काबू में रहता है, गुस्सा कम आता है, मन की खामियां विकारता है कम होती है। साइकोसोमेटिक रोग में राहत होती है।

परमयोग करने से कौन-कौन से मानसिक बीमारियां/साइकोसोमेटिक तकलीफ में राहत मिलती है?

परमजी के द्वारा दिया गया यह परमयोग जिसमें परमनाद और परमसांस शामिल है। पूरे विश्व में आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक एवं एलोपैथिक, मेडिकल साइंस में मानसिक बीमारी का किसी भी प्रकार का परमानेंट इलाज नहीं है। सिर्फ ब्रेन को शांत करने वाली कम/ज्यादा पावर वाली दवाई या मानसिक रोगी को दी जाती है। जिससे ज्यादातर नींद आ जाती है और रोगी शांत रहता है। यहां सच में पूरा इलाज नहीं है। P3Y प्रणाली में मानसिक रोग को दबाया नहीं जाता किंतु उनका सही इलाज करके दूर किया जाता है। परमजी मानसिक बीमारी दूर करने में बेताज बादशाह है। परमजी का परमयोग, परमनाद, परमसांस और परमध्यान P3Y प्रचारक की देखरेख में किया जाए तो मानसिक बीमारी जल्दी से दूर होती है ।

परमनाद किस तरह से किया जाता है और परमनाद करने से क्या फायदा होता है?

सबसे पहले परमनाद P3Y प्रचारक के मार्गदर्शन अंतर्गत ठीक से सीखें और P3Y प्रचारक को परमनाद करके दिखाएं। अगर बराबर नहीं है तो पूर्ण रूप से ना आ जाए तब तक सीखते रहो। क्योंकि अपूर्णा, अधूरे और गलत परमनाद करने से फायदे से ज्यादा नुकसान होता है। जैसे कि एलोपैथी पद्धति में रोग को दूर करने के लिए योग्य दवाइयां और योग्य दवाई का डोज डॉक्टर के मार्गदर्शन हेतु लेना पड़ता है। अगर आप रोगों को मिटाने वाली दवाइयां सुबह – दोपहर – शाम लेने की जगह पर तीनों समय की दवा एक साथ ले लेते हो तो क्या होगा?

परमसांस और परमनाद में परमविज्ञान है। इसीलिए ऊपर दिखाए गए अनुसार P3Y प्रचारक के मार्गदर्शन में सीखें और करें।

परम सांस किस तरह किया जाता है और परमसांस करने से क्या फायदा होता है?

सबसे पहले परमसांस P3Y प्रचारक के मार्गदर्शन अंतर्गत ठीक से सीखें और P3Y प्रचारक को परमसांस करके दिखाएं।अगर बराबर नहीं है तो पूर्ण रूप से ना आ जाए तब तक सीखते रहो। क्योंकि अपूर्णा, अधूरे और गलत परमसांस करने से फायदे से ज्यादा नुकसान होता है।

परमयोग के द्वारा विद्यार्थियों / अन्य व्यक्तियों को क्या लाभ होता है?

बुद्धि का विकास होता है, एकाग्रता बढ़ती है, स्मरण शक्ति बढ़ती है, फोटोजेनिक मेमरी होती है, योग्य समय पर योग्य निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है, मन में रहे दोष कम होते हैं और धीरे-धीरे दूर हो जाते हैं। काम, क्रोध, लोभ, मोह-माया, अभिमान, दंभ, दुराचार, व्यभिचार, अहंकार, आलस्य, जड़ता इत्यादि तमाम प्रकार के विकार दूर होते हैं। रात को अच्छी नींद आती है, बार-बार नींद से जागने की तकलीफ दूर होती है, नींद में डरावने सपने नहीं आते। पूरे 24 घंटे तक मन काबू में रहता है आनंद में रहता है।

आत्मा विश्वास, होशियारी, चतुराई, हिम्मत बढ़ती है, वाणी की कटुता दूर होकर मधुरता बढ़ती है, हर एक प्रकार के मानसिक रोग में तुरंत राहत मिलती है, आध्यात्मिक उन्नति होती है और इसी जन्म में इष्ट देवी देवता के दर्शन होते है, अध्यात्मा में अलौकिक आनंद का अनुभव होता है(जिसको शब्दों में बयान नहीं कर सकते), परमजी के दरबार में अपनी हाजिरी होती है, परमजी खूब खुश होते हैं और मांगी हुई इच्छा है जल्दी से पूरी होती है।

नसीब के आने वाले विघ्नों कम होकर दूर होते हैं। तंत्र मंत्र, मैली विद्या, भूत प्रेत, नजर दोष, वशीकरण की खराब असर दूर होती है, ग्रह नक्षत्र लाभ में काम करते हैं, पितृदोष, वास्तु दोष, सर्प दोष, नाग दोष और अन्य कई दोषों का निवारण होता है।

परमनाद और परमसांस करने में क्या सावधानी रखनी चाहिए जिससे अधिकतम लाभ मिल सके?

  1. वाहन (किसी भी प्रकार का) अगर आप को चलाते हो तब चलाते समय पदमनाद/परमसांस नहीं करें।
  2. आपके आसपास काफी धूल उड़ रही है, अधिक गर्म, धुए वाला वातावरण है, खराब हवा में जहां पर अति दुर्गंध हैं, बहुत प्रदूषित वातावरण हो और काफी घोंघाट हो वैसे जगह पर परमनाद/परमसांस नहीं करें।
  3. सर्जन डॉक्टर अगर खुद सर्जरी कर रहे हैं तो सर्जरी के दौरान, भारी भरकम मशीनरी के पास काम कर रहे हो तब और अग्नि के पास काम कर रहे हो तब परमनाद/परमसांस ना करें।
  4. गले में सूजन हो, सर्दी हो या फिर सांसो से संबंधित कोई बीमारी हो या कुछ समय के लिए सांस लेने में दिक्कत हो रही हो ऐसी परिस्थिति में परमनाद/परमसांस ना करें।

मैं जिस इष्ट- देवी- देवता को मानता हूं उनके दर्शन हो सकते हैं? दर्शन करने के लिए क्या करना होगा?

परमजी के P3Y से सब मुमकिन है। इस इच्छा के लिए आपको बहुत धीरज रखनी पड़ती है और परमजी के प्रति कट्टरता रखकर परमध्यान की विधि करनी पड़ती है। इस तरह आप अपने इष्ट – देवी – देवता के दर्शन परमयोग के दौरान परमध्यान के द्वारा कर सकते हो। जैसे किसी बालक का जन्म होने में कम से कम 9 महीने का समय कुदरती तौर पर लगता है, इसी तरह अपने इष्ट देवी देवता के दर्शन में भी समय लग सकता है। परमजी कहते हैं “मेरे से कुछ भी संभव है”।

जिस देवी देवता को आप मानते हो, जिनकी भक्ति आप पूरे जीवन भर करते हो उनके ही आपको दर्शन नहीं मिलते है। लेकिन यह अशक्य इच्छा परमजी की शक्ति से पूरी होगी।

नोट: आपके इष्ट देवी देवता जो आपको मंदिर में और तस्वीर में दिखते हैं वह काल्पनिक है। मूल स्वरूप अलग ही है। इसीलिए यह इच्छा के लिए P3Y प्रचारक का संपर्क करके उनकी सलाह के मुताबिक आगे बढ़ना। अन्यथा नहीं करना।

P3Y निवेदन/परम निवेदन मतलब क्या?

पूरी P3Y प्रणाली में जो सबसे शक्तिशाली और अधिकतम लाभदाई है वह P3Y निवेदन है। यह पप्र पूरे परिवार के लिए है, मतलब पारिवारिक पप्र है। जिससे आपका परिवार सुख शांति से हरा भरा रहता है। P3Y निवेदन में 24 घंटे की शक्ति है। जो व्यक्ति P3Y निवेदन बिना भूले करेगा तो परमजी की शक्ति उनके साथ 24 घंटे तक रहेगी, जिससे होने वाले फायदे जैसे कि पूरे दिन में नसीब के अधीन आने वाली हर एक प्रकार की मुसीबतें कम होगी, अकस्मात जैसी दुर्घटनाओं से बचाव होगा, नौकरी/व्यापार में आय में बढ़ोतरी होगी – रुपयों में बरकत रहेगी, नौकरी में आने वाली मुश्किलों से बचाव, परिवार में आने वाली मुश्किलों में बचाव होगा जैसे की लड़ाई झगड़ा कम होगा, परिवार के लोगों के बीच स्नेह प्रेम बना रहेगा, सामाजिक संबंधों में स्नेह प्रेम में बढ़ोतरी होगी, बिगड़े हुए संबंध सुधरेंगे। व्यसन से मुक्ति, बीमारी कम होकर दूर होगी। बच्चों के अभ्यास में सफलता, तंत्र मंत्र, खराब असर, ग्रह नक्षत्र के कुप्रभाव से बचाव , मुसाफिर के दौरान परिवार के सभी लोग का बचाव, परिवार में मां – बहन – बेटी का हरेक तरीके से हरेक प्रकार से बचाव और रक्षण होगा।

24 घंटे के दरमियान नसीब के अधीन आने वाली तकलीफ में बचाव वार सुख में बढ़ोतरी होती है। पहाड़ जैसी लगने वाली तकलीफ राई के दाने की तरह छोटी होकर चली जाएगी।

P3Y निवेदन करने से नसीब/जीवन बदला है वह कैसे जान सकते हैं?

सर्वप्रथम सुबह उठकर सबसे पहले परमजी का मुख देखो। इसके लिए हो सके तो अपने बेडरूम में परमजी के देह-चरण का फोटो रखें और परमजी के दर्शन करें।

स्नान करने से पहले/स्नान करने के बाद परमजी के सामने P3Y निवेदन करें, हो सके तो अपना P3Y निवेदन खुद लिख कर तैयार करें (तैयार P3Y निवेदन साहित्य परमधाम में उपलब्ध है) जिससे पढ़ने में आसानी रहती है और कोई इच्छा बोलना हम भूल नहीं जाते। परमजी खूब दयालु है और सबकुछ देनार है। यह पप्र परमजी की उदारता का उदाहरण है।

P3Y निवेदन पप्र से आप अपना भाग्य/नसीब जान सकते हो। यह जानने के लिए आप नियमित 1 महीने तक हर रोज P3Y निवेदन करो। प्रतिदिन 24 घंटे दरमियान आपकी P3Y निवेदन में मांगी हुई इच्छा में से कितनी इच्छाएं पूर्ण हुई, कितने संकटों का निवारण हुआ एवं आपके सुखद और दुखद – लौकिक और अलौकिक अनुभवों को नोट कर लो। इस प्रकार की नोट 1 महीने तक हर रोज कीजिए।

अब एक महीना नसीब के अधीन छोड़ दो। इस महीने के दरमियान पूरे 24 घंटे में आपको आने वाली तकलीफ, बीमारियां, समस्याएं एवं आपके सुखद और दुखद अनुभव की नोट एक जगह पर कीजिए।

अब जिस महीने में P3Y निवेदन किया है वह महीने की नोट पढ़िए साथ में जिस महीने में P3Y निवेदन नहीं किया है उस महीने की नोट को भी पढ़िए। यह पढ़ने के बाद अब खुद ही डिसाइड कर सकोगे की नसीब के अधीन जो महीना पसार हुआ उससे अधिक सुख – शांति, समृद्धि उस महीने में मिले जिस महीने में P3Y निवेदन किया था। अब आप खुद ही डिसाइड करोगे कि आपका जीवन P3Y निवेदन करने से बदला है या नहीं।

इस अनुभव के बाद अगर P3Y से और अधिक सुखी होना चाहते हो तो परमजी के द्वारा रचित 36 हफ्ते का प्रयोग P3Y प्रचारक की सलाह अनुसार कर सकते हो। इस प्रयोग के दरमियान धीरज रखनी अति आवश्यक है।

मासिक P3Y मतलब क्या?

हर महीने की पहली तारीख को पूरा महीना अच्छी तरह से बीते इसलिए जो P3Y किया जाता है उसको मासिक P3Y कहते हैं।

जिसका लाभ लेने के लिए पूरे महीने के दौरान जो सुख की इच्छा रखते हो उसके लिए प्रार्थना परमजी के दरबार में करनी होती है। जैसे कि आई में, बरकत में बढ़ोतरी हो, जो पूरे महीने की आई है उसमें से परिवार के हर एक खर्चे जैसे कि इंश्योरेंस, लाइट बिल, गैस बिल, दूघ बिल, बच्चों की स्कूल फीस एवं अनेक और सारे खर्चों को पहुंच पाए।

पूरे महीने का राशन /अनाज आपके परिवार के लिए स्वास्थ्य प्रदान करने वाला, निरोगीता रखने वाला बना रहे, अनाज बिगड़े नहीं, और अनाज में वृद्धि हो।

मासिक P3Y के द्वारा आपकी आई में बढ़ोतरी हो। पूरे महीने के दौरान नसीब के आने वाले संकट और विघ्न दूर हो और अन्य इच्छाएं भी जल्दी से पूरी हो। पूरे महीने के लिए किया जाने वाला यह P3Y से लाभ लेने के लिए हर महीने की पहली तारीख को स्वयं परमधाम पधारे या फिर गुरु मां प्रतिमाजी के पास टेलीफोन के माध्यम से P3Y कराएं।

P3Y अर्पण विधि मतलब क्या?

हमारे जीवन में हम किसी भी चीज का वह चाहे भोजन, पानी, दवाई, वस्त्र, उपकरण एवं हमारे घर आ रही वस्तुएं इत्यादि का उपयोग करने से पहले प्रेम से परमजी के पावन चरणों में रखकर उपयोग में ले ताकि यह हर एक वस्तुएं हमारे/परिवार हर एक सभ्य के लिए अधिक लाभदायक बने। इस क्रिया को P3Y अर्पण विधि कहते हैं।

उदाहरण के तौर पर, भोजन लेने से पहले भोजन को परमजी को अर्पण कीजिए – उसको भी P3Y अर्पण विधि कहते हैं। इस प्रकार से पूरे दिन में जरूरत के अनुसार, प्रत्येक सांस, कार्य, वस्तु, समय, नसीब, बुद्धि, ग्रह नक्षत्र इत्यादि समय-समय पर परमजी को मनोमन अर्पण करते रहने से खूब लाभ होता है।

P3Y वृद्धों का घर मतलब क्या? वो कहां पर आए हैं?

P3Y प्रचारक प्रतिमाजी पिछले 30 सालों से परमजी के प्रचारका कार्य कर रहे हैं। इस दौरान इन्होंने लाखों लोगों को P3Y सिखाया है। इस समय के दौरान बहुत सारे ऐसे घर की मुलाकात ली है जहां पर खुद के बेटे- बेटियां खुद के मां-बाप को ही साथ में रखते नहीं है। वस्त्र, भोजन – पानी भी नहीं देते उनकी बीमारी में इलाज भी नहीं कराते, माता पिता को दुखी करते हैं।

इसलिए P3Y वृद्ध का घर बनाने का विचार प्रतिमाजी को आया। इसलिए परमधाम, उमरगाम में 16 बेड का एक छोटा सा P3Y वृद्ध घर एक मॉडल के तौर पर अनुभव लेने के लिए हाल में बनाया गया है। लेकिन कुछ कारणों से वृद्ध घर अभी शुरू नहीं हुआ। P3Y वृद्ध घर में रहती व्यक्तियों में से संजोग बरसात कोई बीमार पड़ता है तब तत्कालिक इलाज परमधाम में ही मिल जाए उस उद्देश्य से परमधाम, उमरगाम में मेडिकल सुविधा केंद्र बनाने के प्रयत्न चल रहे हैं।

P3Y प्राप्ति नेम क्या है?

जिस दिन हमें P3Y की जानकारी मिली या फिर P3Y क्लास अटेंड किया। P3Y प्राप्ति दिन जन्मदिन की तरह या फिर उससे भी कहीं अधिक महत्वपूर्ण है। जन्मदिन में हमें हमारा शरीर मिला, P3Y प्राप्ति दिन में हमें P3Y की महान शक्ति मिली, परमजी मिले, P3Y का दिव्य ज्ञान मिला, जीवन में सुखी होने का सचोट रास्ता मिला। जन्मदिन में हमारा लौकिक जगत में प्रवेश हुआ, P3Y प्राप्ति दिन में हमारा P3Y सक्ति के आध्यात्मिक जगत में प्रवेश होता है। यह दिन भी अति उत्साह और उल्लास के साथ मनाए। उस दिन भव्य P3Y क्लास का आयोजन कीजिए, मन परमजी में लीन करे, अधिकतम परमयोग करे और प्रसन्न रहे। P3Y से अधिक सफलता के लिए P3Y प्रचारक के पास पूरा साल अच्छी तरह बीते इस लिए परमधाम में समूह में P3Y क्लास बिठाए और परम्योग करे। क्या आपकी ऐसी इच्छा है कि किसी भी तरह की ज्यादा मेहनत किए बिना ही आपके जीवन में

  1. आपकी इनकम बढ़े?
  2. आपके पास जो भी समृद्धि है उसमे भी बढ़ोतरी हो
  3. आपके जीवन की ऐसी इच्छाएं जो बहुत मेहनत करने पर भी पूरी नहीं हुई, वो पूरी हो जाए?

P3Y विरोधी किसे कहते हैं?

जो व्यक्ति P3Y परम विज्ञान का उपयोग किए बिना P3Y का विरोध करता है, P3Y के बारे में गलत धारणाएं बना लेता है, स्वयं को ही सर्वोपरि मान लेता है। जिस व्यक्ति को P3Y से लाभ होने के बाद भी परमजी के साथ प्रामाणिक नहीं रहता है, P3Y प्रणाली की निंदा करता है, P3Y कर्ता की निंदा करता है और P3Y प्रचार में अवरोध पैदा करता है वह P3Y विरोधी है।

पप्रक विघ्न मतलब क्या? उनको कैसे पहचान सकते हैं?

साल 1987 से लुटेरे – पत्रकार – महिलाए परमजी के रुपए लूटनेके लिए प्रयत्न कर रहे थे साल 1994 में महिलाको हथियार बनाकर परमजी के विरुद्ध झूठे आरोपों के कोर्ट केस किए गए एवं समाचार पत्र में अफवाह फैलाई गई।

इस प्रकार की घटनाएं परमजी के साथ हुई थी और P3Y प्रचारक प्रतिमाजी/अक्षयजी के साथ भी हुई है।

इस प्रकार की घटनाएं भविष्य में भी बनती रहेगी। अगर इस प्रकार की घटनाओं से आप लुटेरों को निर्दोष और परमजी/P3Y प्रचारक को दोषी मानने लगो तो पप्र नही करो, पप्र आपके लिए नही है।

अच्छे कार्य में सो विघ्न, पप्रक अगर इस विघ्न को पार कर जाए तो भविष्य में P3Y से अधिक ईच्छाएं पूरी होगी। और अगर वो इस विघ्नमें फस जाता है तो परमजी के साथ संपर्क खो देता है। लाभ खो देता है।

इस तरह परमजी/P3Y प्रचारक के विरुद्ध अफवाए सुननी और सत्य की जांच किए बिना गलत बात फेलाना उसको पप्रक विघ्न कहते है।

PDME साहित्य क्या है? वह किसके द्वारा और क्यों बनाया गया था? कहा से मिल पाएगा?

ये साहित्य खुद परमजी के द्वारा साल 2004 के जुलाई माह में बनाया गया था।

P – Paramji  – परमजी
D – Devotional – भक्ति
M – Month – मास
E – Era – संवत

PDME – परमजी भक्ति मास संवत

इस साहित्य में परमजी के p3y प्रचारक और उनके संबंधी के द्वारा साल 1994 में परमजी के 50 लाख रूपए लूटने के लिए प्रयत्न किया, परमजी ने जब रुपए नही दिए तब परमजी के ऊपर उमरगांव एवं अन्य जगह पर कोर्ट केस किए थे। परमजी के ऊपर शारीरिक हमले करवाए थे । इस सदयंत्र के चलते परमजी को जेल भी जाना पड़ा था और पुलिस के हाथो से मार भी खानी पड़ी थी। बहुत अपमान सहना पड़ा था। यह साहित्य पढ़ना सामान्य व्यक्ति की कैपेसिटी नही है। इसीलिए यह साहित्य सबके लिए नही है और दुर्लभ साहित्य है। जिसके लिए P3Y प्रचारक प्रतिमाजी को संपर्क करे।

उमरगांव यात्रा मतलब क्या ?

PDME साहित्य में परमजी ने उमरगांव यात्रा करने को कहा है। उमरगांव में परमधाम – सीटी सर्वे न. 50, एस. वी रोड, जैन मंदिर के पास, उमरगांव, जिल्ला: वलसाड में आया है। हर महीने पूर्णिमा के दिन परमधाम उमरगांव में मासिक P3Y क्लास होते है और आसपास के विस्तार में भी P3Y के क्लास होते है।

हर साल 25 मई के दिन परमजी ने प्रतिमाजी को विशेष आशीर्वाद और शक्ति देकर उमरगांव परमधाम और उमरगांव दरिया के किनारे पर P3Y क्लास और परमयोग करवाने का आदेश दिया था। जिसके अनुसंधान में हर साल 25 मई के दिन यह परमयोग का ज्यादा से ज्यादा लोग यहां आकर लाभ लेते है । और उमरगांव यात्रा करके विशेष आशीर्वाद और शक्ति का लाभ लेते है।

परमजी: ” चार धाम की यात्रा से भी अधिक पुण्य उमरगांव की यात्रा करने से मिलेगा”

P3Y कुंभ स्थल उमरगांव के बारे में जानकारी दीजिए?

2004 जुलाई के PDME साहित्य मे परमजी ने लिखा है, 1994 में प्रथम PDME मनाया गया । जुलाई 15 से अगस्त 16 – कर्क मास को प्रथम मास माना गया। प्रति बहारवा साल PDME कुंभ उमरगांव समुद्र किनारे पर मनाओ। वहा समूह में P3Y करो। बहारवा PDME जुलाई 15, 2005 से अगस्त 16, 2005 PDME कुंभ मनाया जाएगा। प्रथम PDME 1994, जुलाई से ही (1) सोना (2) चांदी (3) तांबे के प्रतीक सिक्के बनकर बाहर आए है। हर PDME पर बाहर आएंगे। इन सिक्कों से अनेक लाभ हुए है और भविष्य में भी होंगे।

परमजी के आदेश अनुसार उमरगांव PDME स्थल है, साल 1994 से परमजी संवत शुरू हुआ है। उमरगांव P3Y कुंभ स्थल है। 2005 में पहला कुंभ हुआ था।जिसकी तैयारी के लिए परमजी ने PDME साहित्य लिखा था। साल 2017 में दूसरा कुंभ PDME उमरगांव यात्रा क्लास धूमधाम से मनाया। अब तीसरा कुंभ आएगा परमजी संवत 36 में, अर्थात साल 2029 में जिसमे सभी P3Y कर्ता, जो परमजी के कट्टर है और परमजी के आदेश का पालन करते है वे अवश्य इसका हिस्सा बनेंगे।

परमजी भक्तिमास मतलब क्या?

परमजी संवत का पहला मास मतलब कर्क मास को परमजी ने परमजी भक्तिमास (BME – Bhakti Month Era) डिक्लेर किया है। जो हर साल की 15 जुलाई से शुरू होता है और 16 अगस्त को खत्म होता है। जिसके अंदर 33 दिन आते है। इन दिनों के दौरान सूर्य कर्क राशि में होता है। पूरे साल में भक्तिमास के दिन बहुत शक्तिशाली होते है। इस मास में P3Y करने से, P3Y का प्रचार करने से, पूरे महीने ने सारे दिनों के दौरान समूह में परमधाम में अपने / परिवार के अन्य व्यक्ति के नाम के P3Y क्लास बिठाने से, P3Y हवन / यज्ञ कराने से / अटेंड करने से अशक्य लगने वाली इच्छाएं जो पप्र करने पर भी पूरी नहीं हो रही है, वो हर एक इच्छाएं सुधारकर किए गए पप्र से पूरी होती है।

परमजी की विशेष शक्ति प्राप्त करने के लिए, परम्योग – परमध्यान में अलौकिक अनुभव के लिए विशेष शक्ति वाला महीना मतलब परमजी भक्तिमास (BME)। इस भक्तिमास में  परमजी के विशेष आशीर्वाद पाने के लिए पप्रक ज्यादा से ज्यादा P3Y क्लास खुद के घर पर / व्यापार के स्थल पर बिठाए और अटेंड करे।

परमजी शरणागति मतलब क्या?

परमजी मुखी बनना, परमजी के आदेश का पालन करना, परमजीमय जीवन जीना, इस जन्म में मिले शरीर, जीव, आत्मा, कर्म एवं सर्वस्व परमजी के चरणों में समर्पित करना, अधिकतम P3Y प्रचार करना, P3Y कर्ताओ, परमजी के भक्तो को मान – सम्मान देना, वह परमजी शरणागति है। परमजी शरणागत व्यक्ति परमजी को सर्वोच्च मानता है। P3Y कर्ताओ को, परमजी के भक्तो को पूज्य मानता है। परमजी शरणागत व्यक्ति परमजी, P3Y, परमजी के भक्त की निंदा नहीं करते है और नही सुनते है।

क्या में नसीब/ भाग्य में नही लिखा वो भी P3Y करने से पा सकता हु? इसके लिए मुझे पप्रवा -10 में व्यवहार और पप्रवा - 11 में क्या बोलना चाहिए? और कितना समय लगेगा?

हा, P3Y करने से और परम पावन परामजी के शरण में जाने से, P3Y की पूरी प्रणाली का अक्षरसह पालन करने से और P3Y में प्रामाणिक रहने से नसीब से उपरकी वस्तुएं और जो भाग्य में नही लिखा वो भी पा सकते हो।

P3Y करने से मेरे नसीब में कर्म के अनुसार जो दुख लिखे हुए है, क्या उसको कम कर सकते है? किस तरह ?

हा, कर सकते हो।इस तरह की व्यक्ति को P3Y प्रचारक की सलाह अनुसार (1) पप्र करे (2) परमनिवेदन नियमित तौर पर करे (3) – हफ्ते के अनुसार पप्रवा – 10, पप्रवा – 11 और परमजी को भेट डिसाइड करनी पड़ती है। (3) नियमित परमयोग (परमनाद, परमसांस, परमध्यान) करना पड़ता है। (4) नियमित भोजन अर्पण विधि करने से और परमजी के साथ प्रामाणिक रहकर परमजी को दिए गए वचन का पालन करने से नसीब में लिखे गए कर्म अनुसार दुख, रोग, संकट इत्यादि तीसरे भाग के समय में और इसमें तीसरे भाग की कमी होकर दूर हो जाते है।

P3Y से लाभ लेनेंके बाद P3Y अनुभव P3Y क्लास में कहना या फिर लिख कर देना जरूरी है? अगर अनुभव लिखकर देना है तो किस तरह लिखकर देना पड़ता है?

P3Y से खुद को जो लाभ होता है, तकलीफ कम हुई है, वह लोगो को बताना , P3Y क्लास में कहना, सोशल मीडिया प्लेटफार्म (WhatsApp, Instagram, Facebook etc.) पर लिखना, यह डिस्क्रिप्शन P3Y अनुभव है।

लोगो को प्रेरणा : पप्र करने से जल्दी इच्छाएं पूरी होती है, पप्र पानी से रोग में राहत मिलती है, परमनाद से शांति मिलती है, पप्र विभूति से रक्षा होती है, परमधाम में मंगलवार, गुरुवार और रविवार अटेंड करने से एवं उमरगांव यात्रा से P3Y की खूब शक्ति मिलती है। जब भी P3Y अनुभव कहो तब अपने अंदर से 100 % आत्मविश्वास से और सत्य अनुभव कहो।

मेने तय किया है की में अपने जीवन में परमजी और P3Y से आगे बढ़ना चाहता हु और परमजी के कार्य में सहायता करना चाहता हू तो मुझे कौन-कौन सी जानकारी देनी पड़ेगी? और वो किस तरह से देनी होगी? अगर कोई फॉर्मेट हो तो उसकी जानकारी दीजिए।

बहुत ही अच्छी बात है, P3Y के इस विश्वव्यापी परिवार में आपका ह्रदयपूर्वक स्वागत है। आपको जो जानकारी यह पर देनी है उसका एक फॉर्मेट हम देते है। जिसके अंदर आप जो भी जानकारी देना चाहते हो वो भरकर वापिस दे। जब भी जिस प्रकार की किसकी भी जरूरत होगी उस प्रकार से उनको आगे से फोन करके सूचना दी जाएगी। आप आपकी अनुकूलता अनुसार सेवा दे सकते हो।

में P3Y प्रचारक प्रतिमाजी के साथ पिछले 1,2,3,.... साल से जुड़ा हु, क्या में P3Y प्रचारक बदल सकता हु?

क्या आप अपने मां बाप बदल सकते हो, शेष आपकी इच्छा।